Sambhal Violence: संभल हिंसा मामले में अब तक तीन महिलाओं समेत 27 लोग गिरफ्तार

संभल: हाल ही में उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी. इस हिंसा में गोली लगने से 5 लोगों की मौत हो गई है. अब इस मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. पुलिस ने 3 महिलाओं समेत 27 लोगों को गिरफ्तार किया है. हिंसा में शामिल 100 से ज्यादा आरोपियों की पहचान की गई है.

पुलिस ने गिरफ्तार तीन महिलाओं पर उपद्रव में शामिल होने का संगीन आरोप लगाए हैं. वहीं, योगी सरकार की तरफ से हिंसा में शामिल आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आदेश भी दिए जा चुके हैं. एस पी कृष्ण कुमार ने कहा, “पुलिस पर पथराव करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, लेकिन, हम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि किसी निर्दोष के खिलाफ कोई कार्रवाई न हो. हम हिंसा के संबंध में सामने आए वीडियो के आधार पर सभी उपद्रवियों को चिन्हित कर रहे हैं. पुलिस कई पहलुओं को ध्यान में रखते हुए मामले की जांच कर रही है.”

ज़ी सलाम की खबर के अनुसार, पुलिस ने अब तक जितने भी आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उसमें से तीन आरोप ऐसे हैं, जिनकी आंखों में हरे रंग का लोशन लगा हुआ दिखा. इसे लगाने की पीछे की वजह पूछे जाने पर बताया गया कि इसे लगाने से आंसू गैस का असर बहुत कम पड़ता है. साथ ही योगी सरकार ने उपद्रवियों के खिलाफ सार्वजनिक स्थानों पर पोस्टर लगाने के आदेश दिए हैं. सरकार की तरफ से कहा गया है कि हिंसा के दौरान हुए नुकसान की भरपाई इन उपद्रवियों से ही की जाएगी.

गौरतलब है कि 24 नवंबर को उत्तर प्रदेश के संभल मस्जिद का सर्वे करने पहुंची टीम पर नौजवानों ने पथराव किया था. उपद्रवियों ने सर्वे का विरोध किया था. इसी दौरान, उन्होंने पुलिस पर पथराव कर दिया. जिसमें कई लोग घायल भी भी हुए हैं.

बता दें कि संभल की जामा मस्जिद में अदालत के आदेश पर रविवार को किये जा रहे सर्वेक्षण का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए थे. इस दौरान 5 व्यक्तियों की मौत हो गई. इस गोलीबारी और पथराव में उप जिलाधिकारी रमेश चंद्र समेत कुल 20 लोग घायल हुए हैं. हिंसा के बाद व्याप्त तनाव को देखते हुए संभल तहसील में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं तथा 12वीं कक्षा तक के स्कूल को बंद रखने के आदेश दिए गए हैं.

एक स्थानीय अदालत के आदेश पर गत मंगलवार को जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था जिसके बाद से संभल में पिछले कुछ दिनों से तनाव व्याप्त था. रविवार को सर्वे करने वाली टीम दोबारा मस्जिद का सर्वे करने गई थी. स्थानीय अदालत में एक याचिका दाखिल करके दावा किया गया है कि जिस जगह पर जामा मस्जिद है, वहां पहले हरिहर मंदिर था.

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