नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया के सेंटर फॉर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप (सीआईई) द्वारा समर्थित एक स्थायी टिकाऊ कृषि प्रौद्योगिकी स्टार्टअप कृषिग्रो, नैसकॉम फाउंडेशन और सिएना द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित अत्यधिक प्रशंसित टेकफॉरचेंज 2024 प्रतियोगिता के विजेताओं में से एक विजेता के रूप में सामने आया है। परिवर्तनकारी सामाजिक प्रभाव वाले तकनीकी नवाचारों को यह प्रतियोगिता मान्यता प्रदान करती है।
कृषिग्रो ने जूरी को अपने अभूतपूर्व नवाचार, भीम 1.0 वॉक बिहाइंड इलेक्ट्रिक मल्टी-यूटिलिटी व्हीकल (ईएमयूवी) से आकर्षित किया। इसे छोटे और सीमांत किसानों के लिए विशेष रूप से बनाया गया है और इसमें पर्यावरण के अनुकूल 16 मॉड्यूलर अटैचमेंट के साथ सौर एवं ग्रिड चार्जिंग क्षमताओं को एकीकृत किया गया है। ईएमयूवी खेती, बागवानी, परिवहन एवं घरेलू उपयोगिता संचालन जैसे विविध कार्यों का समर्थन करता है।
परिचालन लागत, उत्सर्जन और ध्वनि प्रदूषण को कम करके, भीम 1.0 स्थायी कृषि सिद्धांतों और प्रौद्योगिकी-संचालित सामाजिक प्रगति के साथ पूरी तरह से संरेखित है।
टेकफॉरचेंज, नैसकॉम फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में सिएना द्वारा संचालित एक सीएसआर पहल है जो युवा इनोवेटर्स को दबावपूर्ण सामाजिक चुनौतियों का समाधान करने वाले प्रभावशाली समाधान विकसित करने के लिए सशक्त बनाती है। कृषिग्रो को 150 से अधिक स्टार्टअप्स में से चुना गया जिसने शीर्ष पांच फाइनलिस्टों में एक प्रतिष्ठित स्थान प्राप्त किया और 5 लाख रूपए का पुरस्कार जीता।
जामिया के माननीय कुलपति प्रो. मज़हर आसिफ ने इस उल्लेखनीय उपलब्धि की प्रसंशा करते हुए यह कहा कि : “कृषिग्रो की जीत हमारे उद्यमशील पारिस्थितिकी तंत्र की अभिनव भावना को दर्शाती है और वास्तविक दुनिया की चुनौतियों का समाधान करने वाली प्रतिभाओं को पोषित करने की जामिया की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है। हम कृषिग्रो का गर्व से समर्थन करते हैं और बागवानी में कृषिग्रो की कृषि मशीनरी को इस्तेमाल करने की योजना बना रहे हैं जो स्थायी नवाचारों में हमारे विश्वास को प्रदर्शित करता है।”
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कुलसचिव प्रो. मोहम्मद महताब आलम रिजवी ने कहा कि : “यह उपलब्धि नवाचार एवं उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में जामिया की भूमिका को रेखांकित करती है। कृषिग्रो की सफलता हमारे विश्वविद्यालय समुदाय के लिए गर्व का क्षण है।”
सेंटर फॉर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप (सीआईई) के निदेशक प्रो. रिहान खान सूरी ने इस बात पर बल दिया कि : “यह मान्यता सामाजिक और पर्यावरणीय प्रगति को बढ़ावा देने वाले स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए हमारे विश्वविद्यालय के समर्पण को उजागर करती है। कृषिग्रो की सफलता हमें प्रभावशाली उपक्रमों का समर्थन जारी रखने के लिए प्रेरित करती है।”
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल (आईआईसी) में इनोवेशन कोऑर्डिनेटर प्रो. एस.एम. मुजाकिर ने कठिन चयन प्रक्रियाओं के माध्यम से टीम की दृढ़ता की सराहना की जिसके परिणामस्वरूप उनकी जीत हुई। कृषिग्रो के संस्थापक और सीईओ तथा जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पूर्व छात्र श्री आरिफ जमाल ने कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए यह कहा कि : “यह मान्यता स्थायी कृषि समाधानों के माध्यम से छोटे और सीमांत किसानों को सशक्त बनाने के हमारे मिशन को मान्य करती है। नैसकॉम फाउंडेशन और सिएना द्वारा मान्यता दिए जाने से स्थायी सामाजिक प्रभाव लाने के हमारे प्रयासों में गति आएगी।”
जामिया मिल्लिया इस्लामिया द्वारा समर्थित एक अन्य स्टार्टअप, डायनेमिक हैवी एक्सीडेंट अवॉइडेंस एंड लोकेटर सिस्टम (डीएचएएएल) भी शीर्ष दस फाइनलिस्टों में शामिल रहा जिसने नवाचार के केंद्र के रूप में विश्वविद्यालय की स्थिति को और मजबूत किया।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया को कृषिग्रो की उत्कृष्ट उपलब्धि पर बहुत गर्व है और वह उद्यमिता, नवाचार और स्थिरता को आगे बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।