अजमेर: राजस्थान के अजमेर दरगाह में मंदिर होने के दावे को लेकर आज यानी 20 दिसंबर को सिविल कोर्ट में दूसरी बार सुनवाई हुई. कोर्ट ने याचिकाकर्ता और दूसरे पक्षों के वकीलों की दलील सुनकर फैसले की अगली तारीख 24 जनवरी दी है. अजमेर सिविल कोर्ट ने अल्पसंख्यक मंत्रालय, दरगाह कमेटी अजमेर और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) को नोटिस भेजा है.
ज़ी सलाम की खबर के अनुसार, कोर्ट में 5 और लोगों, संस्थाओं ने खुद को पक्षकार बनाने के लिए अर्जी लगाई. इसके साथ ही दरगाह कमेटी के वकील अशोक माथुर ने याचिका को खारिज करने की अर्जी लगाई. वहीं, विष्णु गुप्ता और अंजुमन कमेटी के वकीलों ने अपने-अपने पक्ष रखे. दरगाह दीवान के बेटे नसीरुद्दीन चिश्ती भी कोर्ट पहुंचे. उन्होंने कहा कि हम ख्वाजा साहब के वंशज हैं. हमें भी पक्षकार बनाया जाना चाहिए था. हमने कोर्ट में अपना पक्ष रखा और पक्षकार बनाने की अर्जी लगाई.
वहीं, अजमेर दरगाह में मंदिर होने का दावा करने वाले विष्णु गुप्ता ने कहा कि कोर्ट में वर्शिप एक्ट को लेकर बहस हुई थी, जिसमें हमारे वकील वरुण कुमार सिन्हा ने कहा कि दरगाह वर्शिप एक्ट में नहीं आती है. इसके अलावा एएसआई सर्वे की मांग की एप्लीकेशन को मंजूर करने को लेकर भी अपनी बात रखी है. मुझे उम्मीद है कि ऑर्डर हमारे पक्ष में आएगा. सर्वे का आदेश होगा और दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा.
अजमेर सिविल कोर्ट में सुनवाई के लिए सभी पक्ष सुबह 11 बजे कोर्ट पहुंचे थे. इसके बाद कोर्ट में एक-एक करके सभी पक्षों ने अपनी बात रखी. विष्णु गुप्ता के वकील ने कोर्ट में कहा कि इस मामले में अन्य किसी को पक्षकार न बनाया जाए. हालांकि, कोर्ट में पांच और लोगों ने दरगाह की तरफ से उन्हें पक्षकार बनाने के लिए याचिका दाखिल की है. दरगाह की ओर से खादिमों की संस्था अंजुमन सैयद जादगान कमेटी, दरगाह दीवान सैयद जैनुअल अली आबेदीन, खादिम गुलाम दस्तगीर अजमेर, बेंगलुरु के अधिवक्ता इमरान और सर्व धर्म ख्वाजा मंदिर समिति पंजाब के राज जैन ने पक्षकार बनने की अर्जी लगाई है.
वादी विष्णु गुप्ता ने कहा कि शुक्रवार को अदालत ने शाम 4.30 बजे फैसले के लिए समय रखा था, लेकिन कोई फैसला नहीं आया है. कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 24 जनवरी 2025 तय की है. उन्होंने कहा कि हमारी जो मांगें थीं वह हम अगली तारीख को दोहराएंगे. आज जिन्होंने इस मामले में प्रतिवादी बनने के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किए थे, न्यायालय ने उसको अपने रिकॉर्ड में ले लिया है। कुछ जवाब हमें देने हैं, कुछ जवाब उन लोगों को देने हैं। दस्तावेजों के आदान-प्रदान के लिए सात दिन का समय दिया जाएगा. उसके बाद 24 जनवरी को मामले में बहस होगी. हम एएसआई सर्वे की मांग करेंगे.
अजमेर दरगाह में खादिमों की संस्था अंजुमन सैयद जादगान के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने कहा कि न्यायालय ने अभी सब की अर्जियों को इंटरटेंट किया है, उसका जो भी नतीजा आएगा 24 तारीख को आएगा. न्यायालय में हमारी तरफ से भी पक्षकार बनने को लेकर आज 1(10) की अर्जी लगाई गई है और दरगाह कमेटी की ओर से 7(11) की अर्जी लगाई गई है कि वादी की याचिका विचार योग्य नहीं है. क्योंकि दरगाह में उर्स इससे पहले खत्म हो जाएगा.