नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में गुरुवार रात निधन हो गया. उनके निधन से पूरा देश स्तब्ध है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, पीएम मोदी समेत तमाम गणमान्य लोगों ने उन्हें याद किया है. केंद्र सरकार ने 7 दिन के शोक की घोषणा की है. वहीं, सारे कार्यक्रम भी रद्द कर दिए गए हैं.
जानकारी के मुताबिक, डॉ. मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर उनके आवास पर पहुंच चुका है, जहां श्रद्धांजलि देने का सिलसिला जारी है. शनिवार को राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. कांग्रेस पार्टी ने भी शोक के चलते अपनी स्थापना दिवस के सारे कार्यक्रम तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए हैं. सभी नेता दिल्ली पहुंच चुके हैं. अब सवाल यह उठता है कि राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कैसे, कहां और कब होता है. आइये जानते हैं.
जैसे कि सबको पता है कि मनमोहन सिंह 2004 से लेकर 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रह चुके हैं. इसलिए उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान से होगा. पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इस बात की जानकारी दी.
सूत्रों से पता चला है कि डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार दिल्ली के किसी खास स्थान पर होगा. यह भी पता चला है कि राजघाट के पास उनके लिए अलग से समाधि स्थल बनाया जाएगा. जैसे पं. नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी के लिए बनाया गया है. इसके लिए डॉ. मनमोहन सिंह के परिवार से बात करके ही फैसला लिया जाएगा. वहीं, कई बार ऐसा भी होता है नेताओं का अंतिम संस्कार उनके गृह नगर में भी किया जाता है. ऐसी संभावना है कि आज शाम तक इसका ऐलान हो जाएगा.
Centre has announced a seven-day state mourning across the country from December 26, 2024, to January 1, 2025 following the demise of former Prime Minister Manmohan Singh on December 26, 2024, at AIIMS Hospital in New Delhi. During this time, the National Flag will be flown at… pic.twitter.com/QbceIELT1M
— ANI (@ANI) December 27, 2024
देश के किसी भी पूर्व प्रधानमंत्री के निधन के बाद अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाता है. सबसे पहले राजकीय शोक की घोषणा की जाती है. उसके बाद अंतिम संस्कार से पहले पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटा जाता है. फिर 21 तोपों की सलामी दी जाती है. शोक के दौरान पूरे देश में तिरंगे को आधा झुका दिया जाता है. इस दौरान कोई भी सरकारी आयोजन नहीं किए जाते हैं. इसके साथ-साथ आखिरी विदाई भी सरकारी प्रोटोकॉल के तहत दी जाती है. ईटीवी ने इसको रिपोर्ट किया है.