काबुल: पाकिस्तान से भारी तनाव के बीच भी अफगानिस्तान सरकार ने अपने लोगों को परेशान करना जारी रखा हुआ है. खासतौर पर तालिबानी हुकूमत महिलाओं पर लगातार पाबंदियां लगा रहे हैं. तालिबान ने अब महिलाओं को लेकर एक और नया फरमान जारी किया है और देश में काम कर रहीं नेशनल और इंटरनेशनल एनजीओ को अफगानिस्तान की औरतों को बिल्कुल भी नौकरी पर न रखने का हुक्म दिया है. तालिबान ने फरमान के पीछे की वजह भी बताई है कि महिलाएं नौकरी के दौरान हिजाब सही तरीके से नहीं पहनती हैं, इसलिए उन्हें नौकरी नहीं दी जाए.
तालिबान ने दो साल पहले भी सभी एनजीओ को अफगान महिलाओं को रोजगार देने से मना किया था, अब सरकार ने यह कदम उठाया है. रविवार रात को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट किए गए लेटर में मिनिस्टरी ऑफ फाइनेंस ने चेतावनी दी कि “हालिया हुक्म का पालन नहीं करने पर ऐसे एनजीओ को अफगानिस्तान में काम करने का लाइसेंस खोना पड़ेगा. मिनिस्टरी ने कहा कि वह नेशनल व विदेशी संगठनों के रजिस्ट्रेशन, समन्वय, नेतृत्व और उनकी सभी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए जिम्मेदार है.”
Today, the Taliban re-issued a chilling decree banning women from working for national or international NGOs in Afghanistan. This is a death sentence for million women whose survival depends on aid.
3+ years since Kabul fell, and the world watches in silence. For shame. pic.twitter.com/BIRWRYbV6O
— Shabnam Nasimi (@NasimiShabnam) December 29, 2024
लेटर के मुताबिक, “सरकार एक बार फिर तालिबान के कंट्रोल से बाहर के संस्थानों में महिलाओं के हर तरह के कामकाज को बंद करने का हुक्म देती है. सहयोग नहीं मिलने की स्थिति में उस संस्था की सभी गतिविधियां कैंसिल कर दी जाएंगी और मंत्रालय द्वारा दिया गया संस्था का गतिविधि लाइसेंस भी रद्द कर दिया जाएगा.”
बता दें कि, तालिबान पहले ही कई नौकरियों में महिलाओं की हिस्सेदारी और ज्यादातर सार्वजनिक स्थानों पर उनकी मौजूदगी को लेकर पाबंदी लगा चुका है. तालिबान ने महिलाओं को छठी क्लास से आगे की एजुकेशन से भी महरूम कर दिया है.
इस फरमान से पहले तालिबान ने महिलाओं के कमरों में बने खिड़कियों को भी बंद करने का हु्क्म दिया है और कहा कि महिलाओं के कमरों में खिड़कियां नहीं होनी चाहिए, अगर किसी रूम में है भी तो वो खिड़की फौरन बंद कर दी जाए.