Hazaribagh: हजारीबाग जिले के इचाक इलाके में बुधवार, 26 फरवरी को महाशिवरात्रि त्योहार के दिन दो समुदायों के बीच हिंसा और आगजनी की घटना हुई थी. इस घटना के बाद राजनीतिक दलों के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है. एकतरफ जहां विपक्षी पार्टी बीजेपी सरकार के तुष्टिकरण नीति को दोष दे रही थी तो सत्ता धारी पार्टी के नेता बीजेपी और आरएसएस को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. आईए जानते हैं कि कौन सी घटना हुई थी और इसके बाद किसने क्या आरोप लगाया.
‘बीजेपी और RSS घटना के लिए जिम्मेदार’
झारखंड के सवास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने हजारीबाग में हुए हिंसक झड़प की घटना के लिए बीजेपी और आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने आज यानी कि गुरुवार, 27 फरवरी को मीडिया से बात करते हुए कहा, ”मुझे हजारीबाग की घटना की जानकारी है. इस तरह की प्रवृत्ति नहीं चलेगी. वे लोग अल्पसंख्यक समाज को नीचा दिखा रहे हैं. राज्य में अल्पसंख्यक होना पाप नहीं है. हमारा समाज मेहनत और मजदूरी करता है. हम लोग सभी धर्मों का सम्मान करते हैं. कानून जो भी हाथ में लेगा, उस पर हम सख्त कार्रवाई करेंगे.”
‘हार पचा नहीं पा रहे हैं इसलिए धार्मिक उन्माद को बढ़ावा दे रहे हैं’
इसके साथ ही इरफान अंसारी ने एक सभा में कहा कि हमारी सरकार सर्वधर्म समभाव की बात करती है और यही हमारे झारखंड की सबसे बड़ी खूबसूरती है. अंसारी ने आगे कहा कि बीजेपी वाले अपनी हार को पचा नहीं पा रहे हैं इसलिए वे धार्मिक उन्माद और नफरत फैलाने वाले को बढ़ावा दे रहे हैं, लेकिन हमें “नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान” खोलनी है. हमें मानवता के रास्ते पर चलते हुए एक- दूसरे का सम्मान करना है और आगे बढ़ना है.
बीजेपी ने क्या कहा?
रांची से बीजेपी के विधायक सीपी सिंह ने कहा, ”इस राज्य में हिंदुओं पर लगातार हमले हो रहे हैं. हमारे त्योहारों में म्लेच्छ लोग पथराव करते हैं. हिंदुओं को एकजुट होकर ऐसे लोगों से लोहा लेने की जरूरत है. एक भी हिंदू पर पत्थर चलेगा तो इसका मुंहतोड़ जवाब मिलेगा.”
इरफान अंसारी ने सी पी सिंह को दिया करारा जवाब
सीपी सिंह के बयान पर इरफान अंसारी ने कहा कि सी पी सिंह जी “ना तो आप विद्वान हैं और ना ही हिटलर”, अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के प्रति आपकी जो मानसिकता है वो निम्न स्तरीय है. हम आपकी वरिष्ठता और अनुभव का सम्मान करते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप सदन में अनर्गल बातें करेंगे. आपका आचरण पूरी तरह से अनुचित है.
कहां और क्यों हुआ विवाद?
न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, 26 फरवरी को डुमरांव गांव के हिंदुस्तान चौक पर एक स्कूल के सामने एक समुदाय के कुछ लोग पहुंचे. वो वहां धार्मिक झंडा और लाउडस्पीकर लगाना चाहते थे. दूसरे पक्ष ने इस पर आपत्ति जताई. अधिकारियों के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा कि विवाद इसलिए शुरू हुआ क्योंकि उस जगह के पास ही एक मदरसा है. मदरसे के पास लाउडस्पीकर लगाए जाने के बाद स्थिति बिगड़ गई.