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संभल हिंसा मामले में न्यायिक आयोग के सामने पेश हुए सपा सांसद जिया-उर-रहमान बर्क.. जानें क्या- क्या हुआ?

सपा सांसद ने पूछताछ के बाद कहा कि हम पुलिस, प्रशासन और सरकार पर भरोसा नहीं कर सकते, लेकिन हमें अपनी न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. मुझे उम्मीद है कि जनता और अदालत से न्याय मिलेगा.

Sambhal News: संभल में पिछले साल नवंबर को हुई हिंसा मामले में संभल सांसद जिया-उर-रहमान बर्क सरकार के द्वारा नियुक्त न्यायिक आयोग के सामने पेश हुए. इस दौरान उनसे लगभग साढ़े चार घंटे पूछताछ की गई. बता दें कि यह न्यायिक आयोग पिछले साल 24 नवंबर को संभल के शाही मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा की जांच कर रहा है.

सपा सांसद ने पूछताछ के बाद कहा कि हम पुलिस, प्रशासन और सरकार पर भरोसा नहीं कर सकते, लेकिन हमें अपनी न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. मुझे उम्मीद है कि जनता और अदालत से न्याय मिलेगा.

जिया-उर-रहमान बर्क ने क्या कहा?

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, सरकार के जरिए नियुक्त न्यायिक आयोग के सामने पेश होने के बाद मीडिया से बात करते हुए जिया-उर-रहमान बर्क ने आगे कहा कि मैंने उनके सभी सवालों के जवाब दिए. मैं अपने बयानों के बारे में अधिक जानकारी नहीं दे सकता क्योंकि जांच अभी भी चल रही है.

‘मेरे खिलाफ लगाए गए आरोप बेबुनियाद’

उन्होंने आगे कहा कि मैंने पहले ही कहा है कि मेरे खिलाफ लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं. मैं एक निर्वाचित सांसद हूं और कानून-व्यवस्था और राष्ट्र के विकास में मज़बूती से यकीन रखता हूं. मैं आयोग के सामने इस उम्मीद के साथ आया हूं कि मुझे और मेरे लोगों को न्याय मिलेगा.

न्यायिक आयोग के सदस्य एसके जैन ने क्या कहा?

वहीं जिया-उर-रहमान बर्क से बात करने से पहले मीडिया से बात करते हुए पूर्व डीजीपी और न्यायिक आयोग के सदस्य एसके जैन ने कहा कि हमने संभल सांसद जियाउर्रहमान बर्क और संभल विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल को संभल हिंसा से संबंधित उनके बयान दर्ज करने के लिए बुलाया है और सभी बिंदुओं को कवर किया जाएगा.

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि 24 नवंबर, 2024 को एएसआई की एक टीम शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने पहुंची थी. जहां हिंदूवादी संगठनों की भीड़ “जय श्री राम” सहित कई अन्य नारे लगा रही थी. इस दौरान मस्जिद के बाहर मुसलमान भी जमा थे. जहां पुलिस ने मुसलमानों को हटाने बल का इस्तेमाल किया फिर प्रदर्शन कर रहे मुस्लिमों पर गोलियां भी चलाई. पुलिस द्वारा की गई इस कार्रवाई में पांच मुसलमानों की मौत हो गई. पुलिस ने मुस्लिम प्रदर्शनकारियों को “दंगाई” करार दिया और घटना के संबंध में कई मामले दर्ज किए.

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