IPS officer Nurul Hoda: वक़्फ़ संसोधन एक्ट के खिलाफ देशभर के मुसलमानों में भारी नाराजगी देखी जा रही है. मुस्लिम समुदाय और मुस्लिम तंजीमें इसका विरोध करते हुए वक़्फ़ कानून को वापस लेने की मांग कर रही है. इसी बीच वक़्फ़ कानून के विरोध में एक वरिष्ठ मुस्लिम आईपीएस अधिकारी ने इस्तीफा दे दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
वक़्फ़ संसोधन एक्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 73 याचिकाएं दायर की गई है. जिस पर पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जहां अदालत ने कहा कि जब तक अगली सुनवाई नहीं होती, तब तक वक़्फ़ काउंसिल और बोर्ड में कोई नई नियुक्ति नहीं की जाएगी.
अब इसी बीच बिहार के सीतामढ़ी के रहने वाले 1995 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी नूरुल होदा ने वक़्फ़ कानून के विरोध में भारतीय पुलिस सेवा से इस्तीफा देने की घोषणा की है.
राजनीति में रख सकते हैं कदम
वहीं मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इस्तीफे के बीच खबर आ रही है कि नूरुल होदा अब सक्रिय राजनीति में कदम रखने जा रहे हैं. इस सिलसिले में उन्होंने मुकेश सहनी के नेतृत्व वाली ‘विकासशील इंसान पार्टी’ (VIP) का दामन थामने का फैसला किया है.
कई पदकों से हो चुके हैं सम्मानित
बता दें कि नूरुल होदा ने अपने लंबे करियर में धनबाद, आसनसोल, और दिल्ली मंडल जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में रेलवे सुरक्षा, नक्सल नियंत्रण, और अपराध रोकथाम के लिए कई नई रणनीतियां लागू कीं. अपने उत्कृष्ट कार्यों की वजह से नूरुल होदा दो बार विशिष्ट सेवा पदक और दो बार महानिदेशक चक्र से सम्मानित हो चुके हैं.
इसके साथ ही नूरुल होदा सामाजिक कार्यों के लिए भी जाने जाते हैं. वे अपने गांव के लगभग 300 बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देते हैं.
नुरुल होदा का करियर
आईपीएस नुरुल होदा, बिहार के सीतामढ़ी जिले के रहने वाले हैं. वे रेलवे सुरक्षा बल (RPF) में महानिरीक्षक (IG) के पद तक पहुंचे. UPSC से पहले उनका सिलेक्शन अवर सेवा चयन परिषद और 39वीं बीपीएससी में हुआ था, लेकिन उन्होंने इन पदों को स्वीकार नहीं किया था.
नुरुल होदा की प्रारंभिक शिक्षा सीतामढ़ी में ही हुई, इसके बाद उन्होंने बिहार विश्वविद्यालय से रसायन शास्त्र में स्नातक की डिग्री प्राप्त की. इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी किया. नुरुल होदा को अंग्रेजी के अतिरिक्त उर्दू, फारसी और अरबी भाषाओं का भी अच्छा ज्ञान है.