Assam Muslim News: असम की बीजेपी सरकार पिछले कुछ समय से भारी संख्या में घरों को अवैध बताते हुए बुलडोजर से उन्हें तोड़ रही है. राज्य की बीजेपी सरकार पर आरोप है कि अतिक्रमण हटाने के नाम पर वह मुसलमानों को निशाना बनाकर उन्हें बेघर कर रही है. इसी बीच असम के धुबरी जिले में 1,400 मुस्लिम परिवारों के घरों को ध्वस्त कर दिया गया.
स्क्राल की एक रिपोर्ट के हवाले से जिला मजिस्ट्रेट दिबाकर नाथ ने बताया कि असम सरकार ने धुबरी जिले में एक बिजली परियोजना के लिए लगभग 1,157 एकड़ सरकारी भूमि से बंगाली मूल के 1,400 मुस्लिम परिवारों के घरों को ध्वस्त कर दिया.
तीन से चार दशकों से रह रहे थे मुसलमान
सरकार द्वारा ध्वस्त किए जाने के बाद बेघर हुए लोगों ने कहा कि लगभग 10,000 बंगाली मूल के मुसलमान इस इलाके में पिछले कम से कम तीन से चार दशकों से रह रहे थे.
जिला प्रशासन ने दिया था नोटिस
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, जिला प्रशासन ने कहा कि उसने पहले ही बेदखली नोटिस जारी कर दिए थे. साथ ही पब्लिक अनाउंसमेंट कर बीते रविवार तक घर खाली करने का निर्देश दिया था. इसके बाद प्रशासन भारी तादाद में पुलिस बल के साथ मुसलमानों के घरों को ध्वस्त करने के लिए पहुंचने लगी.
कुछ लोगों को ही मिली राहत राशि
वहीं स्क्राल की रिपोर्ट के मुताबिक, जिला प्रशासन ने प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए बैजर अलगा गांव में 300 बीघा जमीन आवंटित की है. वहीं इसके साथ ही निवासियों को अपना सामान ले जाने के लिए राहत के तौर पर 50,000 रुपये देने का ऐलान किया है. यह राशि कुछ लोगों को ही मिली है.
पुलिस ने किया लाठीचार्ज
स्थानीय लोगों ने बुलडोजर कार्रवाई का विरोध करते हुए प्रदर्शन भी किया. प्रदर्शन के दौरान स्थानीय लोगों ने बुलजोडर पर पत्थर पर चलाए. इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज भी किया. इस दौरान विपक्षी पार्टी रायजोर दल के अध्यक्ष और शिवसागर के विधायक अखिल गोगोई भी वहां पहुंचे, जहां पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. इस दौरान उन्होंने बीजेपी सरकार पर कई आोप लगाते हुए कहा कि यह बेदखली अवैध और असंवैधानिक है.
हिमंता बिस्वा सरमा ने इन इलाकों का किया था दौरा
बता दें कि असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने पिछले महीने बुलडोजर चलने से पहले इन इलाकों का दौरा किया था, जहां उन्होंने घोषणा की थी कि यह जमीन प्रस्तावित 3,200 मेगावाट के थर्मल पावर प्लांट के लिए चिह्नित की गई है. इस परियोजना के लिए राज्य सरकार अडानी समूह के साथ बातचीत कर रही है.