Assam BJP government targeting Muslims: असम में बीजेपी सरकार द्वारा मुसलमानों को निशाना बनाकर की जा रही बुलडोजर कार्रवाई और पुलिस फायरिंग में मारे गए मुसलमानों के खिलाफ आज यानी कि सोमवार, 21 जुलाई को राजधानी दिल्ली के जंतर- मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया गया. संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन हुए इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व ऑल असम अल्पसंख्यक छात्र संघ (ABMSU) ने किया. इस प्रदर्शन में भारी तादाद में लोग जमा हुए.
‘सिर्फ मुसलमानों की जमीन पर ही बुलडोजर चलाया जा रहा है’
असम से आए हजारों कार्यकर्ताओं ने असम की बीजेपी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा केवल असम के मुसलमानों को निशाना बना रहे हैं, सिर्फ मुसलमानों की जमीन पर ही बुलडोजर चलाया जा रहा है.
संसद सत्र के पहले दिन असम सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने दिल्ली पहुंचे सैकड़ों युवा, बोले- असम पुलिस की फायरिंग में निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं, पुलिस असम वासियों पर गुंडागर्दी कर रही है…#JusticeForAssamMuslims pic.twitter.com/7sTEE8XJ2b
— Voice Of Indian Muslim🇮🇳 (@VoiceIndMuslim) July 21, 2025
ABMSU के अध्यक्ष टायसन हुसैन ने कहा
वहीं ऑल असम अल्पसंख्यक छात्र संघ (ABMSU) अध्यक्ष टायसन हुसैन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सैकड़ों सालों से असम में रह रहें मुसलमानों के घरों पर मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा बुलडोजर चला रहे है.
धुबरी जिले में 1,400 मुस्लिम परिवार बेघर
बता दें कि पिछले कुछ समय से अतिक्रमण हटाने के नाम पर मुसलमानों को निशाना बनाकर उनके घरों को तोड़ा जा रहा है. बीते दिनों धुबरी जिले में एक बिजली परियोजना के लिए लगभग 1,157 एकड़ सरकारी भूमि से बंगाली मूल के 1,400 मुस्लिम परिवारों के घरों को ध्वस्त कर दिया गया. सरकार द्वारा ध्वस्त किए जाने के बाद हजारों मुसलमान बेघर हो गए हैं. बेघर हुए लोगों ने कहा कि लगभग 10,000 बंगाली मूल के मुसलमान इस इलाके में पिछले कम से कम तीन से चार दशकों से रह रहे थे.
पुलिस फायरिंग में दो मुस्लिम युवकों की मौत
वहीं पिछले दिनों असम के गोलपाड़ा जिले के पाइकन विद्यापार इलाके में अतिक्रमण हटाने का विरोध कर रहे मुसलमानों पर पुलिस ने गेलीबारी कर दी थी, जिसमें दो मुस्लिम युवकों की मौत हो गई. पुलिस की फायरिंग में शाकुर हुसैन और कुतुबुद्दिन शेख की मौत हो गई. जबकि कई लोग घायल हो गए हैं.