उत्तर प्रदेश में एक शादी समारोह में अलीगढ़ के कस्बा इगलास पहुंचे किसान नेता व भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भाजपा सरकार पर जमकर बरसे. ईटीवी भारत की ख़बर के अनुसार, टिकैत ने कहा हिंदू-मुस्लिम और जिन्ना का भूत अभी ढाई महीने उत्तर प्रदेश में रहेगा. वो ढाई महीने के कांट्रेक्ट पर यहां पर आया है, सरकारी मेहमान है. 15 मार्च तक रहेगा और प्रवचन देगा. इससे जनता को बचना है. उन्होंने कहा कि यहां जाति और धर्म पर वोट मांगा जाता है. जब तक देश जाति, धर्म और हिंदू- मुस्लिम में बंटता रहेगा, देश विकास नहीं कर सकता.
इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के चुनाव और किसी पार्टी को समर्थन के सवाल पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों को दिल्ली में 13 महीने की ट्रेनिंग दी गई है, वोट किसे देना है, वो खुद तय करेंगे. आधे रेट में आलू की फसल बेचकर वोट के लिए बताना नहीं पड़ेगा. वहीं प्रदेश में किसकी सरकार बनेगी? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि किसकी सरकार बनेगी यह तो पता नहीं, लेकिन जनता इनको (भाजपा को) वोट नहीं देगी.
इसके साथ ही राकेश टिकैत किसी भी अन्य मुद्दे पर बोलने से बचते दिखाई दिए और किसानों पर ही जवाब देते रहे. गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता किसका गठबंधन, कैसा गठबंधन? आधे रेट में फसल बेचकर किसानों को किसके साथ जाना है वो तय कर लेंगे. एमएसपी कानून अभी तक लागू नहीं हुआ है. अभी तक कमेटी नहीं बनी है. इसके चलते 31 जनवरी तक किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा. इसके साथ ही उन्होंने लखीमपुर कांड पर बोलते हुए कहा कि अभी खीरी से आए हैं. केंद्रीय मंत्री अजय टेनी बर्खास्त नहीं किया गया, न ही उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है.
बता दें कि अलीगढ़ इगलास कस्बे में स्थित एक निजी गेस्ट हाउस में रविवार को टिकैत गुट के एक पदाधिकारी के बेटे की शादी समारोह का आयोजन था. जहां भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने यह बयान दिए.
10 मार्च को आएंगे यूपी चुनाव के नतीजे
बता दें कि उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों के लिए सात चरणों में मतदान 10 फरवरी से शुरू होगा. यूपी में सात चरणों में 10, 14, 20, 23, 27 और 3 और 7 मार्च को वोट डाले जाएंगे. जबकि वोटों की गिनती 10 मार्च को होगी. चुनाव आयोग ने कोरोना के मद्देनज़र यूपी, पंजाब, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड में विधानसभा चुनावों के लिए 31 जनवरी तक किसी भी राजनीतिक रैलियों और रोड शो की अनुमति नहीं दी है.
10 फरवरी को पहले चरण में पश्चिम यूपी के 11 जिलों की 58 सीटों पर, दूसरा चरण 14 फरवरी को 9 जिलों की 55 सीटों पर, 20 फरवरी को तीसरे चरण में 16 जिलों की 59 सीटों पर मतदान होगा। चौथे चरण में मतदान 23 फरवरी को लखनऊ सहित 9 जिलों की 60 सीटों पर होगा। पांचवे चरण में 27 फरवरी को 11 जिलों की 60 सीटों पर, छठे चरण में 3 मार्च को 10 जिलों की 57 सीटों पर और सातवें और अंतिम चरण का मतदान 7 मार्च को 9 जिलों की 54 सीटों पर किया जाएगा। 17वीं विधानसभा का कार्यकाल (UP Assembly ) 15 मई तक है.
17वीं विधानसभा
17वीं विधानसभा के लिए 403 सीटों पर चुनाव 11 फरवरी से 8 मार्च 2017 तक 7 चरणों में हुए थे। उस चुनाव में बीजेपी ने 312 सीटें जीतकर पहली बार यूपी विधानसभा में तीन चौथाई बहुमत हासिल किया था। अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की अगुवाई में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और कांग्रेस (Congress) गठबंधन 54 सीटें जीत सका। इसके अलावा प्रदेश में कई बार मुख्यमंत्री रह चुकीं मायावती की बीएसपी 19 सीटों पर सिमट गई। इस बार सीधा मुकाबला समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और भाजपा (Bharatiya Janata Party) के बीच माना जा रहा है। भाजपा योगी आदित्यनाथ (Yogi adityanath) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के चेहरे को आगे कर चुनाव लड़ रही है.