Imran Pratapgarhi On Fatehpur Tomb Controversy: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में स्थित नवाब अब्दुल समद के मकबरे में बीजेपी और हिंदू संगठन के लोगों ने घुसकर तोड़फोड़ की. साथ ही मंदिर होने का दावा करते हुए पूजा- अर्चना की. हिंदू संगठनों के हजारों की भीड़ ने इस दौरान पुलिस की मौजूदगी में कब्रों को तोड़ दिया और भगवा झंडा लगा दिया. इस घटना के बाद राज्य के साथ- साथ देश की सियासत भी गरमा गई है. कांग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि इस पूरी घटना के पीछे भाजपा सांप्रदायिक राजनीति कर रही है.
इमरान प्रतापगढ़ी ने उठाया सवाल
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिए कहा कि उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में जिस तरह सैकड़ों साल पुराने नवाब अब्दुस समद खान के मकबरे को लेकर सांप्रदायिकता का तांडव किया गया वो यूपी की कानून व्यवस्था के लिये बेहद शर्मनाक है. उन्होंने कहा कि जब प्रशासन को पता था कि उपद्रवी लगातार फतेहपुर का माहौल खराब कर रहे थे उसके बावजूद प्रशासन ने मामले में लापरवाही की.
‘घटना के पीछे भाजपा सांप्रदायिक राजनीति कर रही है’
इमरान प्रतापगढ़ी ने आगे कहा कि भाजपा जिला अध्यक्ष मुखलाल पाल की अगुवाई में ही मकबरे में पूजा करने के लिए लोग इकट्ठा हुए इससे साबित होता है कि इस पूरी घटना के पीछे भाजपा सांप्रदायिक राजनीति कर रही है.
उ. प्र. के फतेहपुर में जिस तरह सैकड़ों साल पुराने नवाब अब्दुस समद ख़ान के मकबरे को लेकर सांप्रदायिकता का तांडव किया गया वो यूपी की क़ानून व्यवस्था के लिये बेहद शर्मनाक है।
जब प्रशासन को पता था कि उपद्रवी लगातार फतेहपुर का माहौल ख़राब कर रहे थे उसके बावजूद प्रशासन ने मामले में…— Imran Pratapgarhi (@ShayarImran) August 12, 2025
‘यूपी में कानून व्यवस्था पूरी तरह विफल’
कांग्रेस सांसद ने आगे कहा कि यूपी में कानून व्यवस्था पूरी तरह विफल है, मैं इस मुद्दे को संसद के पटल पर उठाने का प्रयास करूंगा. प्रशासन से अनुरोध है कि सत्ता की कठपुतली ना बने बल्कि माहौल बिगाड़ने वालों पर न्याय सम्मत कार्यवाही करें.
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि बीते कल यानी कि 11 अगस्त को बीजेपी सहित हिन्दू संगठनों की हजारों की भीड़ पुलिस के बेरिकेड्स को तोड़ते और भगवा झंडा लहराते हुए नवाब अब्दुल समद के मकबरे में घुस गई. हिंदू संगठनों ने इस मंदिर बताते हुए खूब हंगामा मचाया और वहां पर स्थित कब्र को तोड़ दिया. पुलिस- प्रशासन इस हंगामे के दौरान मूकदर्शक बनी रही और उपद्रवी हंगामा करते रहे.

