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RSS से शुरू हुआ सियासी सफर.. उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए NDA के उम्मीदवार बने सीपी राधाकृष्णन कौन हैं?

सी. पी. राधाकृष्णन का जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुप्पुर में हुआ है. उन्होंने 16 वर्ष की उम्र में RSS (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की और जनसंघ से जुड़ गए.

Who is CP Radhakrishnan: बीजेपी ने रविवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन को आने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए NDA का उम्मीदवार घोषित किया है. सी. पी. राधाकृष्णन तमिलनाडु के एक वरिष्ठ नेता हैं. उन्होंने झारखंड, तेलंगाना और पुडुचेरी के राज्यपाल के रूप में काम किया है. तो आईए जानते हैं कि उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए NDA के उम्मीदवार बने सी. पी. राधाकृष्णन कौन हैं और इनका सियासी सफर कैसा रहा है…

बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने किया ऐलान

एनडीए संसदीय दल की बैठक के बाद बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए सी. पी. राधाकृष्णन के नाम का ऐलान किया. नड्डा ने कहा कि राधाकृष्णन को राजनीति में 40 साल का अनुभव है और उन्होंने कई जिम्मेदारियां निभाई हैं.

जे.पी. नड्डा ने कहा कि संसदीय बोर्ड की बैठक में आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में वरिष्ठ नेता एवं वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री सीपी राधाकृष्णन जी को एनडीए की ओर से उपराष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाए जाने पर मुझे सुखद अनुभूति हो रही है.

RSS और जनसंघ से जुड़े रहे

सी. पी. राधाकृष्णन का जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुप्पुर में हुआ है. उनका पूरा नाम चन्द्रपुरम पोनुस्वामी राधाकृष्णन है. उन्होंने 16 वर्ष की उम्र में RSS (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की और जनसंघ से जुड़ गए.

दो बार बनें लोकसभा सांसद, संभाली बीजेपी की कमान

सी. पी. राधाकृष्णन 1998 और 1999 में तमिलनाडु के कोयंबटूर क्षेत्र से दो बार लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बनें. हालांकि उन्‍हें तीन बार लोकसभा चुनाव में हार भी झेलनी पड़ी. राधाकृष्णन साल 2003 से 2006 तक तमिलनाडु के भाजपा अध्यक्ष भी रहे. इनका राजनीतिक करियर लगभग 4 दशकों का रहा है.

चुनावी समीकरण क्या है?

बता दें कि पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद चुनाव 9 सितंबर को होना है. एनडीए के पास संसद में कुल 422 लोकसभा में 293 और 129 राज्यसभा में सदस्य हैं. जबकि बहुमत के लिए 394 सदस्यों का समर्थन जरूरी है. ऐसे में राधाकृष्णन की जीत लगभग तय मानी जा रही है.

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