नई दिल्ली, 15 अक्टूबर 2025: सरकार द्वारा शुरू किए गए ‘उम्मीद पोर्टल’ पर वक़्फ़ संपत्तियों का विवरण अपलोड करने और पंजीकरण प्रक्रिया में तेज़ी लाने के उद्देश्य से आज यहां जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के मुख्यालय में वक़्फ़ हेल्प डेस्क (बैक-एंड सपोर्ट सिस्टम) का उद्घाटन किया गया. हेल्प डेस्क के माध्यम से, वक़्फ़ के संरक्षक, मस्जिदों के इमाम और धार्मिक संस्थाओं के ज़िम्मेदार लोग सीधे हेल्प डेस्क से संपर्क कर सहायता प्राप्त कर सकते हैं. वक़्फ़ हेल्प डेस्क का उद्घाटन जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने किया.
‘वक़्फ़ की सुरक्षा का मुद्दा पूरी उम्मत के लिए एक चुनौती’
इस अवसर पर सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने कहा कि “वक़्फ़ की सुरक्षा का मुद्दा पूरी उम्मत के लिए एक चुनौती बन गया है. पूरी उम्मत को एकजुट होकर इस चुनौती का सामना करना होगा. उन्होंने कहा कि जमाअत-ए-इस्लामी हिंद का वक्फ विभाग लंबे समय से इस क्षेत्र में काम कर रहा है. केंद्र के साथ-साथ कई राज्यों में वक़्फ़ पंजीकरण का काम शुरू हो चुका है.”
उन्होंने आगे कहा कि “वक़्फ़ पंजीकरण के लिए समुदाय के पास बहुत कम समय है और यह काम बहुत बड़ा है.” इसलिए, देश भर में बड़े पैमाने पर ऐसे केंद्र बनाने और उनके माध्यम से वक़्फ़ पंजीकरण के कार्य को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है. सर्वोच्च न्यायालय के अंतरिम निर्णय के बाद, दस्तावेजों के आधार पर वक़्फ़ संपत्तियों को WAMSI पोर्टल पर अपलोड करके पंजीकरण कार्य में तेजी लाना आवश्यक हो गया है ताकि यह कार्य समय पर पूरा हो सके.”
सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने स्पष्ट किया कि पंजीकरण का अर्थ अनुचित वक़्फ़ संशोधन अधिनियम के खिलाफ संघर्ष को समाप्त करना नहीं है, बल्कि पंजीकरण के साथ-साथ इस काले कानून के खिलाफ कानूनी संघर्ष भी जारी रखा जाएगा.
‘वक़्फ़ के दस्तावेजीकरण का काम आसान नहीं’
वक़्फ़ हेल्प डेस्क का परिचय देते हुए केंद्र के समन्वयक इनाम-उर-रहमान खान ने कहा, “वक़्फ़ के दस्तावेजीकरण का काम आसान नहीं है. उम्मीद पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड करने में कई कठिनाइयां आती हैं. इन्हीं कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए वक़्फ़ हेल्प डेस्क शुरू किया गया है.” उन्होंने कहा कि इस डेस्क से पंजीकरण की सभी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी.
गौरतलब है कि जमाअत-ए-इस्लामी हिंद ने वक़्फ़ पंजीकरण सुनिश्चित करने के लिए संगठनात्मक स्तर पर व्यापक व्यवस्था की है. इस कार्य को व्यवस्थित ढंग से करने के लिए राज्य स्तर पर वक़्फ़ प्रकोष्ठ स्थापित किए गए हैं.
अपने बयान में इनाम-उर-रहमान ने कहा, “केंद्रीय हेल्प डेस्क और राज्य वक़्फ़ प्रकोष्ठों की देखरेख में एक स्थायी हेल्पलाइन स्थापित की गई है, जहां कानूनी विशेषज्ञों, वक़्फ़ विशेषज्ञों और वक़्फ़ कार्यकर्ताओं की सेवाएं ली जा रही हैं और बड़े पैमाने पर जमीनी स्तर पर काम करने वालों को समय पर मार्गदर्शन और सहायता प्रदान की जा रही है.”
इस अवसर पर, यह अपील की गई कि स्वयंसेवकों की नेटवर्किंग और निगरानी समितियों के गठन पर विशेष ध्यान दिया जाए. हर क्षेत्र में युवाओं, सरकारी कर्मचारियों और अन्य लोगों की वक़्फ़ सुरक्षा समितियां बनाई जाएं जो स्थानीय वक़्फ़ संपत्तियों पर किसी भी प्रकार के अवैध कब्जे या अवैध गतिविधि पर नज़र रखें और उनके दस्तावेज़ों की प्राप्ति, सटीकता और पंजीकरण सुनिश्चित करें. इस अवसर पर, जमाअत ने उम्मीद पोर्टल पर वक्फ अपलोड करने के लिए दिशा-निर्देश और दिशानिर्देश भी जारी किए.
वक़्फ़ हेल्प डेस्क के उद्घाटन समारोह में बड़ी संख्या में जमाअत -ए-इस्लामी हिंद के केंद्रीय पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए.

