Bihar Election 2025: बिहार में अगले महीने नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टी चुनावी मैदान में जोर- शोर से लगी हुई हैं. सभी पार्टियां अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर रही है. एकतरफ जहां कांग्रेस (Congress) और आरजेडी (RJD) की अगुवाई वाले महागठबंधन ने सभी उम्मीदवारों के नामों का ऐलान नहीं किया है, तो वहीं दूसरी ओर NDA ने सभी 243 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है. तो आईए जानते हैं कि बिहार में बीजेपी और JDU की अगुवाई वाले NDA ने कितने मुस्लिमों को टिकट दिया है…
BJP और JDU 101- 101 सीटों पर मैदान में
जेडीयू ने पहली सूची में 57 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया था, वहीं जेडीयू ने दूसरी और अंतिम सूची में 44 उम्मीदवारों की घोषणा की. जेडीयू को NDA गठबंधन से 101 सीट मिली है. इतनी ही सीटों पर बीजेपी भी चुनाव लड़ रही है.
बाकी की 41 सीटें चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) [LJP(RV)], उपेन्द्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) और जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) [HAM(S)] के खाते में है.
कितने मुसलिमों को NDA से मिला टिकट?
बता दें कि NDA गठबंधन की पार्टियों में सिर्फ नीतीश कुमार की जेडीयू ने चार मुस्लिम उम्मीदवारों और चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) ने एक उम्मीदवार को टिकट दिया है. वहीं पिछले विधानसभा चुनाव 2020 की बात करें तो जेडीयू ने 11 मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था.
JDU ने मुसलिमों को तोड़ा भरोसा
बता दें कि बीजेपी हमेशा मुस्लिम चेहरों को दरकिनार करती रही है. ऐसे में मुस्लिम आबादी बीजेपी से किसी मुस्लिम नेता को टिकट मिलने की उम्मीद कम ही करती है. हालांकि जेडीयू से मुस्लिम उम्मीद करते हैं कि वो मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट देगी, परंतु इस बार के विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने पिछले चुनाव के मुकाबले मुस्लिमों की भागीदारी आधी से भी कम कर दी.
JDU पर मूल विचारधारा से भटकने का आरोप
राजनाति में पकड़ रखने वाले की मानें तो नीतीश कुमार बीजेपी के साथ गठबंधन में आने के बाद पार्टी की विचारधारा से भटक गए हैं. जेडीयू के कई वरिष्ठ मुस्लिम नेता पार्टी से ये कहते हुए इस्तीफआ दे चुके हैं कि पार्टी अपने सिद्धांतों से भटक चुकी है और नीतीश कुमार अपने उसूलों से समझौता कर चुके हैं.
JDU और उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने बीते दिनों लोकसभा में वक़्फ़ संसोधन विधेयक का समर्थन कर मुस्लिमों के विश्वास के साथ बड़ा धोखा किया था. उस दौरान JDU के शीर्ष मुस्लिम नेता नीतीश कुमार और पार्टी से काफी नाराज हो गए थे और कई नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था.