Delhi Riot 2020 Case: सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी कि शुक्रवार, 31 अक्टूबर को 2020 के नॉर्थ- ईस्ट दिल्ली दंगों से जुड़े साज़िश मामले में एक्टिविस्ट उमर खालिद, शरजील इमाम, गुलफिशा फातिमा और तीन अन्य लोगों की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई की, जहां आज भी इन्हें कोई राहत नहीं मिली. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनावई के लिए अगली तारीख तय कर दी. आईए जानते हैं कि कोर्ट ने क्या कहा और इस मामले की अगली सुनवाई कब होगी..
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एन.वी. अंजारिया की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की. सरकार और बाकी आरोपियों की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस अरविंद कुमार ने अगली सुनवाई सोमवार, 3 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी.
उमर खालिद, शरजील इमाम समेत अन्य लोगों की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने अपनी व्यस्तता का कारण बताते हुए कोर्ट से अनुरोध किया कि सुनवाई को मंगलवार तक के लिए आगे बढ़ाया जाए.
इस दिन होगी अगली सुनवाई
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू की सुनवाई टालने की मांग को खारिज कर दिया. जस्टिस अरविंद कुमार ने कहा कि नहीं-नहीं, हमें नई (फ्रेश) सुनवाई करनी है. आप अपने सहयोगियों से कहें कि वे मौजूद रहें, हम देखेंगे क्या किया जा सकता है. इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिया कि इस मामले को सोमवार, 3 अक्टूबर को सूची में पहले नंबर पर रखा जाए.
बता दें कि उमर खालिद की तरफ से सीनियर वकील कपिल सिब्बल, गुलफिशा फातिमा की ओर से सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी और शरजील इमाम की ओर से सिद्धार्थ दवे शामिल हुए.
गुलफिशा फातिमा के वकील मनु सिंघवी ने कहा कि मैं अप्रैल 2020 से जेल में हूं यानी 5 साल 5 महीने से. चार्जशीट 16 सितंबर 2020 को दाखिल की गई थी. अब हर साल एक पूरक चार्जशीट दाखिल करना पुलिस के लिए एक सालाना रिवाज बन गया है.
बता दें कि उमर खालिद और अन्य लोगों ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है. हाईकोर्ट ने बीते 2 सितंबर को ज़मानत देने से इनकार कर दिया था.
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि सोशल एक्टिविस्ट उमर खालिद, शरजील इमाम समेत अन्य लोग 2019-2020 में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में प्रदर्शनों में शामिल थे. इन लोगों पर फरवरी 2020 के अंतिम सप्ताह में राजधानी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों के पीछे “बड़ी साजिश” रचने के आरोप हैं. इनके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) और भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत मामले दर्ज हैं.

