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‘आतंकी नहीं हैं डॉ. आरिफ…’ ATS और NIA ने किया रिहा, दिल्ली धमाके के बाद पुलिस ने हिरासत में लिया था

उत्तर प्रदेश की एंटी टेरर स्क्वाड (ATS) ने जम्मू-कश्मीर के निवासी डॉ. मोहम्मद आरिफ मीर को कानपुर के अशोकनगर स्थित उनके फ्लैट से 12 नवंबर को हिरासत में लिया था.

Delhi Blast Case Update: देश की राजधानी दिल्ली के लाल किला के पास हुए धमाके के बाद से जांच एजेंसियों ने कई संदिग्धों को हिरासत में लिया है और लगातार पूछताछ की जा रही है. इस धमाके के बाद पुलिस ने कई डॉक्टरों को हिरासत में लिया है, क्योंकि इस धमाके का अंजाम देने का आरोप डॉक्टर पर ही है. पुलिस ने दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात और जम्मू-कश्मीर से कई डॉक्टरों को हिरासत में लिया था. इसी बीच पुलिस ने डॉ. मोहम्मद आरिफ (Dr Arif) को पूछताछ के बाद रिहा कर दिया है. उन्हें दिल्ली में हुए धमाके के बाद शक के आधार पर हिरासत में लिया था.

ATS और NIA ने डॉ. आरिफ को किया रिहा

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, उत्तर प्रदेश की एंटी टेरर स्क्वाड (ATS) ने जम्मू-कश्मीर के निवासी डॉ. मोहम्मद आरिफ मीर को कानपुर के अशोकनगर स्थित उनके फ्लैट से 12 नवंबर को हिरासत में लिया था. अब खबर है कि 17 नवंबर को ATS और NIA ने उन्हें रिहा कर दिया है. पूछताछ के दौरान डॉ. आरिफ ने कहा कि उनका इस हमले से कोई लेना-देना नहीं है और वे पूरी तरह निर्दोष हैं.

हिरासत में लिए जाने के बाद डॉ. मोहम्मद आरिफ को इस धमाके में शामिल होने का आरोपी माना जा रहा था, हालांकि उन्हें रिहा करने के बाद ये साफ हो गया है कि वो इस धामके में शामिल नहीं थे.

डॉ. आरिफ मीर ने इसी साल NEET-SS 2025 काउंसलिंग के माध्यम से लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान (LPS) में डीएम कार्डियोलॉजी में दाखिला लिया था. उन्होंने 1 अगस्त 2025 को जॉइनिंग की थी. 12 नवंबर को यूपी ATS की टीम ने कानपुर के अशोक नगर स्थित उनके किराए के घर से उन्हें हिरासत में लिया था.

डॉ. आरिफ ने अपने संस्थान को दी जानकारी

रिहा होने के बाद डॉ. आरिफ ने संस्थान के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. उमेश्वर पांडेय को व्हाट्सऐप के जरिए इसकी जानकारी दी. उन्होंने मैसेज में अपनी लोकेशन के साथ एक फोटो भी साझा की और यह साफ किया कि वे बिल्कुल निर्दोष हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि ATS और NIA ने 17 नवंबर को मुझे रिहा कर दिया है. मानसिक और शारीरिक रूप से थके होने के कारण मैं कुछ हफ्तों तक संस्थान नहीं आ पाऊंगा.

संस्थान ने क्या कहा?

वहीं मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, संस्थान के निदेशक प्रो. राकेश वर्मा ने कहा कि जब तक शासन से लिखित अनुमति और सभी औपचारिकताएं पूरी नहीं हो जातीं, उन्हें ड्यूटी पर नहीं लिया जाएगा.

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