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जमाअत के अध्यक्ष ने कट्टरपंथ की निंदा की; लाल किले पर हुए धमाके को लेकर सुरक्षा में नाकामी और समुदाय में बनी सोच पर सवाल उठाए

दिल्ली ब्लास्ट पर सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने कहा, “हम इस क्रूर हमले की कड़ी निंदा करते हैं जिसमें बेगुनाहों की जान चली गई. जमाअत हर तरह के उग्रवाद, अतिवाद और हिंसा की कड़ी निंदा करती है. चाहे गुनहगार कोई भी हो और उसका मकसद कुछ भी हो.

नई दिल्ली, 29 नवंबर 2025: जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने यहाँ अपने मुख्यालय में प्रेस मीट को संबोधित करते हुए, हर तरह के उग्रवाद और अतिवाद की जमाअत की स्पष्ट निंदा दोहराते हुए कई राष्ट्रीय मुद्दों पर गहरी चिंता जताई, जिन पर सरकार को तुरंत ध्यान देने की ज़रूरत है.

दिल्ली धमाके पर क्या कहा?

दिल्ली ब्लास्ट पर सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने कहा, “हम इस क्रूर हमले की कड़ी निंदा करते हैं जिसमें बेगुनाहों की जान चली गई. जमाअत हर तरह के उग्रवाद, अतिवाद और हिंसा की कड़ी निंदा करती है. चाहे गुनहगार कोई भी हो और उसका मकसद कुछ भी हो. आत्मघाती हमले और बड़े पैमाने पर हिंसा मानव सम्मान, नैतिकता और सभ्यता के हर उसूल का उल्लंघन करते हैं. हर नागरिक और संस्था को आतंकवाद का विरोध करना चाहिए.”

उन्होंने लाल किले में हुए धमाके और हाल ही में श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन में हुए बारूद-धमाके से सामने आई सुरक्षा खामियों पर गंभीर चिंता जताई. इन धमाकों में नौ लोग मारे गए और कई घायल हुए. ये घटनाएं सुरक्षा तंत्र में लगातार कमज़ोरियों को प्रदर्शित करती हैं. उन्होंने मीडिया द्वारा फैलाई जा रही रूढ़िबद्ध धारणा और पूरे समुदाय को बदनाम करने पर भी चिंता जताई और कहा कि ऐसी बातें समाज में फूट डालती हैं और आतंकवादियों की स्ट्रेटेजी में मदद करती हैं.

सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने वायु प्रदूषण पर कही ये बात

वायु प्रदूषण के संकट के बारे में सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने अस्थाई उपायों के बजाय पूरे देश में विज्ञान-विधि द्वारा स्थायी साफ़ हवा की स्ट्रैटेजी अपनाने की अपील की. उन्होंने केंद्र-राज्य मिलकर कार्रवाई करने, इंडस्ट्रियल और गाड़ियों के नियमों को सख्ती से लागू करने, फसल के पराली को जलाने के लिए किसानों के लिए अच्छे समाधान और लोगों की सेहत और रोज़ी-रोटी की रक्षा के लिए साफ़ पब्लिक मोबिलिटी को बढ़ाने की अपील की.

वक्फ रजिस्ट्रेशन पर, अध्यक्ष ने जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के व्यावहारिक जवाब के बारे में बताया: एक सेंट्रल वक्फ हेल्प डेस्क और स्टेट वक्फ सेल बनाया गया है जिसमें करीब 150 प्रशिक्षित वॉलंटियर, वर्कशॉप, हेल्पलाइन और फील्ड में मदद दी जा रही है ताकि मुतवल्लियों को UMEED पोर्टल पर अपलोड पूरा करने में मदद मिल सके. उन्होंने सरकार से रजिस्ट्रेशन में समय वृद्धि और पोर्टल की तकनिकी दिक्कतों को तुरंत ठीक करने की अपील की ताकि सिस्टम फेल होने की वजह से कोई वक्फ प्रॉपर्टी का नुकसान न हो. सआदतुल्लाह हुसैनी ने वक्फ संसोधन अधिनियम के लिए JIH के प्रिंसिपल विरोध को दोहराया क्योंकि यह एक्ट माइनॉरिटी के फंडामेंटल राइट्स का उल्लंघन करता है और कॉन्स्टिट्यूशनल मोरैलिटी के खिलाफ है.

सआदतुल्लाह हुसैनी ने वक्फ संसोधन अधिनियम को लेकर जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के सैद्धांतिक विरोध को दोहराया, क्योंकि यह अधिनियम मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है और संवैधानिक नैतिकता के खिलाफ है.

विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर हुसैनी ने इंसानी जानों की क़ीमत अर्थात BLOs पर भारी काम का बोझ, मौतों और बहुत ज़्यादा तनाव की रिपोर्ट, और प्रक्रिया में स्पष्टता न होने पर चिंता जताई. जमाअत मांग करती है कि चुनाव आयोग SIR का दायरा सबके सामने बताए (यह नागरिकता वेरिफ़िकेशन का अभियान नहीं है), स्टाफ़ बढ़ाए, टाइमलाइन में विस्तार दे, फ़ील्ड स्टाफ़ के लिए मानसिक स्वास्थ और चिकित्सा सहायता दे, और स्वतंत्र निगरानी के साथ पारदर्शी शिकायत निवारण शुरू करे. प्रेस कांफ्रेंस को जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के उपाध्यक्षों प्रो. सलीम इंजीनियर और मलिक मोतसिम खान ने भी संबोधित किया.

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