Bengaluru Dalit youth dies after custodial beating: बेंगलुरु के कोरमंगला के सोनेनहल्ली के रहने वाले 25 वर्षीय दलित युवक की कथित तौर पर पुलिस कस्टडी में पिटाई की गई, जिसके बाद उसकी मौत हो गई. इस घटना के सामने आने के बाद विवेकनगर पुलिस स्टेशन के ऑफिसरों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है.
मृतक दर्शन की मां आदिलक्ष्मी ने पुलिसवालों और यूनिटी सोशल सर्विस ट्रस्ट रिहैबिलिटेशन सेंटर पर गैर-कानूनी हिरासत, मारपीट और लापरवाही का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है.
मृतक की मां ने क्या कहा?
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, मृतक की मां ने अपने शिकायत में बताया कि दर्शन को शराब की लत थी. उसे बीते 12 नवंबर को विवेकनगर पुलिस ने उसके घर के पास हुई कहासुनी के बाद हिरासत में लिया था. शिकायतकर्ता ने दावा किया कि बार-बार कहने के बाद भी, पुलिस ने न तो उसे छोड़ा और न ही उसे उससे मिलने दिया.
‘पुलिस ने बेटे से मिलने नहीं दिया’
रिपोर्टो के मुताबिक, तीन दिन बाद, विवेकनगर पुलिस ने कथित रूप से उसे अडकमरनाहल्ली के रिहैबिलिटेशन सेंटर में एडमिशन का इंतज़ाम किया. अदिलक्ष्मी ने यह भी दावा किया कि अधिकारियों ने उन्हें अपने बेटे से मिलने नहीं दिया और भर्ती के लिए 2,500 रूपए की मांग की, जबकि वह बार-बार कह रही थीं कि वह खुद उसे किसी डी-एडिक्शन सेंटर में ले जा सकती हैं.
अदिलक्ष्मी ने कहा कि अधिकारियों ने उन्हें बताया कि दर्शन ठीक हो रहा है, लेकिन बुधवार को उन्हें कॉल आया और बताया गया कि उसे सांस लेने में दिक्कत हुई और उसकी मौत हो गई.
उन्होंने आगे कहा कि जब हम सेंटर पहुंचे, तो वह वहां नहीं था. हमें नेलमंगला सरकारी अस्पताल जाने के लिए कहा गया. वहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने हमें बताया कि उसे मृत लाया गया था. अदिलक्ष्मी ने आगे कहा कि उसके शरीर पर छाती, पीठ, हाथ और पैरों पर चोटें थीं.
अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज
बेंगलुरु जिले के पुलिस अधीक्षक सी.के. बाबा ने कहा कि शुरुआती जांच के आधार पर, मदनायकनहल्ली पुलिस ने BNS 103(1) (हत्या), BNS 127(3), और SC/ST (प्रिवेंशन ऑफ एट्रोसिटीज) एक्ट के सेक्शन 3(2)(v) के तहत FIR दर्ज की है.
FIR में विवेकनगर इंस्पेक्टर, एक पुलिस कांस्टेबल और दो अन्य लोगों के नाम हैं, और केस अब आगे की जांच के लिए CID को ट्रांसफर कर दिया गया है.
पुलिस कस्टडी में मारपीट
आदिलक्ष्मी ने आरोप लगाया कि उनके बेटे के साथ पुलिस कस्टडी में मारपीट की गई थी. क्योंकि जब उसे रिहैबिलिटेशन सेंटर ले जाया गया, तब तक वह चल नहीं पा रहा था.

