Maulana Mahmood Madani On RSS: जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरकार्यवाह (महासचिव) दत्तात्रेय होसबाले (Dattatreya Hosabale) के उस बयान पर कड़ी आलोचना की है, जिसमें उन्होंने मुसलमानों को सूर्य, नदी और वृक्ष की पूजा करने का सुझाव दिया था.
मौलाना महमूद मदनी ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण
मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि हिंदू और मुसलमान इस देश में सदियों से साथ रहते आए हैं और मुसलमानों का तौहीद का अकीदा तथा उनकी इबादत की पद्धति किसी भी समझदार व्यक्ति से छिपी नहीं है. इसके बावजूद होसबाले जैसे शिक्षित व्यक्ति सहित संघ के शीर्ष पदों पर आसीन लोगों द्वारा आज तक इस्लाम और मुसलमानों को गंभीरता से समझने का प्रयास न किया जाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है.
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना मदनी ने स्पष्ट किया कि तौहीद (एक ईश्वर पर विश्वास और केवल उसी की पूजा) और रिसालत का अकीदा इस्लाम के मूल स्तंभ हैं. इनमें रत्ती भर भी विचलन की स्थिति में कोई व्यक्ति मुसलमान नहीं रह सकता. उन्होंने कहा कि “इस देश की मिट्टी और प्रकृति से प्रेम करना और उसकी रक्षा करना” तथा “उसकी पूजा करना”- ये दोनों बिल्कुल अलग-अलग बातें हैं.
RSS पर लगाया ये आरोप
उन्होंने कहा कि तौहीद पर विश्वास रखने वाले भारतीय मुसलमानों को ईश्वर के अलावा वृक्ष, धरती, सूर्य, समुद्र या नदी की पूजा के लिए आमंत्रित करना इस बात का प्रमाण है कि संघ ‘प्रिय’ और ‘पूज्य’ के बीच के बुनियादी अंतर को समझने और समझाने में असफल रहा है.
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New Delhi, 23 December 2025: The President of Jamiat Ulama-i-Hind, Maulana Mahmood Asad Madani, has strongly criticized the statement made by the General Secretary (Sarkaryavah) of the Rashtriya… pic.twitter.com/dkJpl6RWJA— Jamiat Ulama-i-Hind (@JamiatUlama_in) December 23, 2025
मौलाना मदनी ने ये भी कहा कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने हमेशा सद्भावना, संवाद और आपसी सम्मान के लिए निरंतर प्रयास किए हैं. हमने आगे बढ़कर संघ और अन्य हिंदुत्ववादी तत्वों के मन में इस्लाम और मुसलमानों को लेकर फैली गलतफहमियों को दूर करने की कोशिश की है. इसी क्रम में अतीत में संघ के पूर्व सरसंघचालक के. एस. सुदर्शन सहित अन्य जिम्मेदार लोगों से संवाद भी हुआ, और आज भी जमीयत उलेमा-ए-हिंद बातचीत के लिए तैयार है.
दत्तात्रेय होसबाले ने क्या कहा था?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरएसएस लीडर होसाबले ने सुझाव दिया था कि नमाज पढ़ने वाले मुसलमानों को पर्यावरण के नजरिए से नदियों की भी पूजा करनी चाहिए.

