अपने गानों से सभी को दीवाना बनाने वाली लता मंगेशकर हमारे बीच नहीं रहीं. अपनी आवाज से हर किसी का दिल जीतने वाली लता मंगेशकर की आवाज हमेशा के लिए खामोश हो गई है. दुनिया को अलविदा कह चुकीं लता जी अब अपने गानों के जरिए हमारे बीच मौजूद रहेंगी. रविवार सुबह लता मंगेशकर के निधन की खबर ने हर किसी को हिला कर रख दिया.
स्वर कोकिला लता मंगेशकर का रविवार शाम 7.15 बजे मुंबई के शिवाजी पार्क में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. लता जी के जाने से पूरा देश शोक में डूबा हुआ है.
लता जी के अंतिम दर्शन करने यूं तो कई हस्तियां पहुंचीं, लेकिन सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा अभिनेता शाहरुख खान की तस्वीर वायरल हो रही है. आइए जानते हैं क्या है इस वायरल तस्वीर में-
लता जी की अंतिम यात्रा में शामिल होने बॉलीवुड के किंग खान शाहरुख भी अपनी मैनेजर पूजा ददलानी के साथ पहुंचे. इस दौरान सफेद रंग की टीशर्ट में पहुंचे शाहरुख खान ने लता जी को खास अंदाज में श्रद्धांजलि दी.
लता जी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे शाहरुख खान ने दिग्गज गायिका के पैर छूते हुए उनकी परिक्रमा की. इसके बाद हाथ जोड़ उन्होंने लता मंगेशकर को नमन किया. लेकिन जो तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है, वह शाहरुख खान के दुआ पढ़ने की एक तस्वीर है. दरअसल, लता मंगेशकर को अंतिम विदाई देते समय शाहरुख खान गायिका के लिए दुआ करते नजर आए.
खान दिवंगत आत्मा की शांति के लिए दुआ में हाथ उठाए दिख रहे हैं जबकि उनकी मैनेजर अपने हाथ जोड़े हुए दिख रही हैं. दुआ और प्रणाम की उनकी यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. सोशल मीडिया पर ज्यादातर लोगों ने इसकी सराहना की कि कैसे एक फ्रेम ने भारत की विविधता को खूबसूरती से कैद किया है.
बता दें कि एक तरफ शाहरुख खान के दुआ करती उनकी एक तस्वीर ने सोशल मीडिया पर लोगों का दिल जीत लिया है लेकिन इसके साथ ही एक विवाद भी शुरू हो गया है. कुछ लोग कह रहे हैं कि ‘क्या उसने थूका है? इसके बाद कई लोगों ने खान पर लता मंगेशकर के अंतिम संस्कार में महान गायिका का अनादर करने का आरोप लगाया है.
वहीं, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित विभिन्न हस्तियों ने रविवार को महान गायिका लता मंगेशकर के निधन पर शोक प्रकट किया.
राष्ट्रपति कोविंद ने पार्श्व गायिका के साथ एक तस्वीर ट्विटर पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘लता जी का निधन मेरे लिए और दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए हृदयविदारक है. उनके गाए गीत भारत के सारतत्व और सुंदरता को प्रदर्शित करते हैं तथा पीढ़ियों ने इन्हें अपने अंतर्मन की अभिव्यक्ति के रूप में पाया है. भारत रत्न लता जी की उपलब्धियां अतुलनीय हैं.’
कोविंद ने उनसे मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा कि लता दीदी एक विलक्षण व्यक्तित्व थीं और उनके जैसे कलाकार सदियों में एक बार ही जन्म लेते हैं. उन्होंने कहा कि वह जब भी लता दीदी से मिले, उन्हें गर्मजोशी से भरा पाया.
प्रधानमंत्री मोदी ने भी मंगेशकर के साथ एक तस्वीर साझा की और कहा कि महान गायिका के निधन से ‘एक खालीपन पैदा हो गया है, जिसे भरा नहीं जा सकता.’
मोदी ने कहा, ‘लता दीदी ने अपने गीतों के जरिए विभिन्न भावनाओं को व्यक्त किया. उन्होंने दशकों से भारतीय फिल्म जगत में आए बदलावों को नजदीक से देखा. फिल्मों से परे, वह भारत के विकास के लिए हमेशा उत्साही रहीं. वह हमेशा एक मजबूत और विकसित भारत देखना चाहती थीं.’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं अपना दुख शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता। दयालु और सबकी परवाह करने वाली लता दीदी हमें छोड़कर चली गईं. उनके निधन से देश में एक खालीपन पैदा गया है, जिसे भरा नहीं जा सकता. भावी पीढ़ियां उन्हें भारतीय संस्कृति की पुरोधा के रूप में याद रखेंगी, जिनकी सुरीली आवाज में लोगों को मोहित करने की अद्वितीय क्षमता थी.’
मोदी ने कहा, ‘यह मेरे लिए सम्मान की बात है कि मुझे लता दीदी से हमेशा बहुत स्नेह मिला. मैं उनके साथ की गई बातों को हमेशा याद रखूंगा. मैं और देशवासी लता दीदी के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं. मैंने उनके परिवार से बात की और अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं. ओम शांति.’
उपराष्ट्रपति सचिवालय ने नायडू के हवाले से ट्वीट किया, ‘भारतीय सिनेमा की सुर सम्राज्ञी लता मंगेशकर जी का निधन देश की और संगीत जगत की अपूरणीय क्षति है.’
नायडू ने कहा, ‘लता जी के निधन से आज भारत ने अपना वह स्वर खो दिया है जिसने हर अवसर पर राष्ट्र की भावना को भावपूर्ण अभिव्यक्ति दी.’
उपराष्ट्रपति ने कहा कि उनके गीतों में देश की आशा और अभिलाषा झलकती थी. उन्होंने कहा कि लता जी का मधुर स्वर दशकों तक देश में फिल्म संगीत की पहचान रहा.
बच्चन ने कहा, ‘वह हमें छोड़कर चली गईं…सदियों की सबसे बेहतरीन आवाज खामोश हो गई….’
वहीं, आजमी ने कहा, ‘उनकी आवाज ने हमारे जीवन को रोशन कर दिया, जब हम उदास होते हैं तो हमें उससे सांत्वना मिलती है, जब हम कमजोर होते हैं तो ताकत मिलती है.’
कुमार ने ट्वीट किया, ‘मेरी आवाज ही पहचान है, गर याद रहे… और ऐसी आवाज को कोई कैसे भूल सकता है. लता मंगेशकर जी के निधन से गहरा दुख हुआ, मेरी संवेदना और प्रार्थनाएं.’
देवगन ने लिखा, ‘एक महान हस्ती. मैं हमेशा उनके गीतों की विरासत को संजोकर रखूंगा. हम कितने भाग्यशाली हैं कि हम लता जी के गाने सुनकर बड़े हुए. ओम शांति. मंगेशकर परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं.’
क्रिकेट कमेंटेटर हर्षा भोगले ने कहा, ‘महानतम भारतीयों में से एक शख्सियत ने आज हमें अलविदा कह दिया.’
बायोकॉन की अध्यक्ष किरण मजूमदार शॉ ने भी ट्वीट कर संवेदना व्यक्त की.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘उनके निधन से हमारे जीवन में खामोशी सी पैदा हो गई है. ओम शांति.’
स्वर सम्राज्ञी के रूप से जानी जाने वाली लता मंगेशकर ने पांच साल की उम्र से गायन का प्रशिक्षण लेना शुरू किया था. उन्होंने 1942 में एक गायिका के रूप में अपना करियर शुरू किया था और सात दशकों से अधिक समय तक हिंदी, मराठी, तमिल, कन्नड़ और बंगाली समेत 36 भारतीय भाषाओं में लगभग 25,000 गीत गाए.
उन्होंने ‘ऐ मेरे वतन के लोगो’, ‘लग जा गले’, ‘मोहे पनघट पे’, ‘चलते चलते’, ‘सत्यम शिवम सुंदरम’, ‘अजीब दास्तां है’, ‘होठों में ऐसी बात’, ‘प्यार किया तो डरना क्या’, ‘नीला आसमां सो गया’ और ‘पानी पानी रे’ जैसे कई गीतों को अपनी सुरीली आवाज देकर यादगार बना दिया.
भारतीय सिनेमा के सबसे महान पार्श्व गायकों में से एक मानी जाने वाली लता मंगेशकर को कई फिल्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया. उन्हें पद्म भूषण, पद्म विभूषण, दादा साहेब फाल्के पुरस्कार और कई अन्य भारतीय फिल्म पुरस्कारों से नवाजा गया. उन्हें 2001 में भारत का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान भारत रत्न भी मिला था.
(इनपुट) पीटीआई-भाषा