लश्कर ए तैयबा को गोपनीय दस्तावेज लीक करने के आरोप में आईपीएस अधिकारी अरविंद दिग्विजय नेगी गिरफ़्तार

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) ने शुक्रवार को अपने एक पूर्व अधिकारी और आईपीएस अरविंद दिग्विजय नेगी (IPS officer Arvind Digvijay Negi) को कथित तौर पर गुप्त रूप से गोपनीय दस्तावेज लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, आईपीएस अरविंद दिग्विजय नेगी को आतंकी संगठन लश्कर ए तयैबा के एक ओवर ग्राउंड वर्कर को कथित रूप से ख़ुफिया दस्तावेज़ उपलब्ध कराने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है.

NIA के आधिकारिक प्रवक्ता (Official Spokesperson of NIA) ने इस मामले में भी जानकारी उपलब्ध कराई है. उन्होंने बताया कि लश्कर-ए-तैयबा आतंकी समूह के एक ओवर ग्राउंड वर्कर को दस्तावेज सौंपने के आरोप में यह गिरफ्तारी की गई है. प्रवक्ता ने कहा कि 2011 के आईपीएस बैच में पदोन्नत एक पुलिस अधिकारी नेगी को पिछले साल 6 नवंबर को एनआईए द्वारा दर्ज एक मामले के संबंध में गिरफ्तार किया गया है.

यह मामला भारत में आतंकवादी गतिविधियों की योजना और क्रियान्वयन में सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के ओवर ग्राउंड वर्कर्स (over ground workers) के नेटवर्क के प्रसार से संबंधित है. एनआईए ने इस मामले में पहले छह लोगों को गिरफ्तार किया था. जांच के दौरान शिमला में तैनात अरविंद दिग्विजय नेगी, आईपीएस की भूमिका का सत्यापन किया गया और उनके घर की तलाशी ली गई. यह भी पाया गया कि एनआईए के आधिकारिक गुप्त दस्तावेज अरविंद दिग्विजय नेगी द्वारा एक अन्य आरोपी व्यक्ति को लीक किए गए थे, जो इस मामले में लश्कर-ए-तैयबा का ओजीडब्ल्यू है.

वहीं, जांच के तहत पिछले दिनों एनआईए ने उनके हिमाचल प्रदेश के किन्नौर स्थित ठिकाने और सिरमौर में भी उनके एक करीबी के यहां छापेमारी की थी. इस सर्च रेड का कारण यह है कि उनका नाम जम्मू-कश्मीर के एक मानवाधिकार कार्यकर्ता से संवेदनशील सूचनाएं साझा करने से जुड़ा है.

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