उत्तर प्रदेश में आगामी एमएलसी (विधान परिषद का सदस्य) चुनाव में समाजवादी पार्टी देवरिया कुशीनगर सीट से डॉ कफील खान को मैदान में उतारने जा रही है.
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और प्रवक्ता राजिंदर चौधरी ने पुष्टि की है कि डॉ कफील खान पार्टी के उम्मीदवार होंगे.
Met with Honourable Former Chief Minister Shri @yadavakhilesh sir and presented him a copy of #TheGorakhpurHospitalTragedy 🙏 pic.twitter.com/B22rGgTv97
— Dr Kafeel Khan (@drkafeelkhan) March 15, 2022
डॉ. कफील खान ने कहा कि वह समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलने गए थे. उन्हें 2017 में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुई त्रासदी पर लिखी किताब भेंट की. इस अवसर पर अखिलेश यादव से विस्तृत चर्चा हुई.
ईटीवी भारत को दिए गए इंटरव्यू में डॉ. कफील खान ने कहा कि ‘उन्होंने मुझसे पूछा कि मैं आपकी क्या मदद कर सकता हूं?. मैंने जवाब दिया कि मैं सीमा क्षेत्र में रहता हूं. मैं चाहता हूं कि वहां एक अस्पताल बनाया जाए ताकि गरीब और असहाय लोगों को इलाज मिल सके. इसके अलावा मैंने उन्हें सामाजिक सरोकार से जुड़ी अपनी भविष्य की योजना के बारे में बताया जिसके बाद अखिलेश यादव ने कहा कि अगर आप राजनीतिक रूप से मजबूत बनते हैं और लोगों के बीच जाते हैं तो आप बेहतर तरीके से लोगों की सेवा कर सकते हैं. अखिलेश यादव ने कहा कि वह चाहते हैं कि मैं एमएलसी चुनाव लड़ूं, जिस पर मैं तैयार हो गया.’
डॉ. कफील खान ने कहा कि ‘यह मेरे राजनीतिक सफर की शुरुआत है और मुझे उम्मीद है कि मैं लोगों की बेहतर सेवा कर सकूंगा.’ उन्होंने कहा कि मैं अपने चिकित्सा पेशे में हमेशा ईमानदार रहा हूं और हमेशा लोगों की सेवा की है और आगे भी करता रहूंगा.’
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जेल से रिहा होने के दौरान और जयपुर में सुरक्षा और आवास प्रदान करने के लिए कांग्रेस पार्टी और विशेष रूप से प्रियंका गांधी के मजबूत समर्थन और सहयोग के लिए आभारी रहेंगे. उन्होंने बताया कि परिवार अभी भी जयपुर में रहता है.
उन्होंने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले कई तरह की अटकलें और अफवाहें थीं कि डॉ. कफील कांग्रेस के उम्मीदवार हो सकते हैं लेकिन यह सिर्फ अफवाह थी. उन्होंने कहा कि ‘जब भी मैं प्रियंका गांधी से मिला या बात की तो यह केवल गैर-राजनीतिक मुद्दों पर की. उनके साथ राजनीतिक मुद्दों पर कभी चर्चा नहीं की गई.’
गौरतलब है कि डॉ कफील को 2017 में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद निलंबित कर दिया गया था. बाद में उन्हें सीएए विरोधी बैठक में बोलने के लिए गिरफ्तार किया गया था.