जम्मू-कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस पार्टी के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को सच्चाई के साथ खिलवाड़ करार दिया है और कहा है कि इस फिल्म में कई तरह के झूठ दिखाए गए हैं.
उन्होंने कहा कि जिस समय कश्मीर से पंडितों का पलायन हुआ, उस समय नेशनल कांफ्रेंस की सरकार नहीं बल्कि उस समय वहां राज्यपाल का शासन था और केंद्र में भाजपा के समर्थन वाली वीपी सिंह की सरकार थी.
उमर अब्दुल्लाह ने कहा कि कश्मीरी पंडितों के साथ जो कुछ हुआ, हमें उस पर अफ़सोस है लेकिन मुसलमानों और सिखों को भी बंदूक की नोक पर रखा गया. उनके बलिदान को भूलना नहीं चाहिए. उनका वापस आना भी अभी बाकी है. उन्होंने कहा, देश में ऐसा माहौल बनाना चाहिए कि वे वापस आ सकें लेकिन जिसने यह फिल्म बनाई है, वह नहीं चाहते कि वह सभी लोग वापस आएं.
उन्होंने कहा कि विवेक अग्निहोत्री की इस फिल्म में बहुत सारा झूठ दिखाया गया है. उन्होंने कहा कि अगर यह कमर्शियल फिल्म होती तो कोई बात नहीं लेकिन फिल्म निर्माता वास्तविकता दिखाने का दावा करते हैं जो कि गलत है.
उन्होंने कहा कि फिल्म में खासतौर पर तत्कालीन सरकार के बारे में तरह-तरह के झूठ दिखाए गए हैं.
उमर अब्दुल्लाह ने कहा कि जिस समय कश्मीरी पंडितों का कश्मीर से पलायन हुआ उस समय कश्मीर में डॉ. फारूक अब्दुल्लाह की सरकार नहीं थी.
उन्होंने कहा, ‘उस समय राज्यपाल का शासन था और जगमोहन राज्यपाल थे जबकि उस समय केंद्र में भाजपा के समर्थन वाली वीपी सिंह की सरकार थी.’
नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्लाह ने कहा कि फिल्म में डॉ फारूक अब्दुल्ला को दिखाया गया है लेकिन वीपी सिंह को नहीं दिखाया गया है.
उमर अब्दुल्लाह ने कहा कि यह फिल्म सच्चाई के साथ खिलवाड़ है जो ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि यहां सिर्फ पंडितों ने ही नहीं बल्कि मुस्लिम और सिख समुदाय ने भी कुर्बानी दी है.
उन्होंने कहा कि मुसलमान और सिख दोनों यहां से भागने को मजबूर हुए हैं. उमर ने कहा कि इस फिल्म के निर्माता नहीं चाहते कि पलायन करने वालों की वापसी हो.