बॉलीवुड फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ पिछले काफी दिनों से खूब सुर्खियां बटोर रही है. एक तरफ जहां फिल्म की जमकर तारीफें हो रही है, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग फिल्म की आलोचना भी कर रहे हैं.
इस फिल्म पर समाजवादी पार्टी के सांसद एस टी हसन ने कहा कि कश्मीर फाइल्स में जो कुछ दिखाया गया है वह बहुत दुखद है, जो भी हुआ वह शर्मसार करने वाला है. पंडितों के साथ जो जुल्म हुआ है उन आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए. लेकिन इसे पूरे देश में दर्शाने से कहीं न कहीं हमारे सांप्रदायिक सौहार्द पर असर पड़ रहा है. इस वजह से फिल्म पर रोक लगनी चाहिए.
एस टी हसन ने कहा कि थिएटर में उलटे सीधे नारे लगाए जा रहे हैं, लोग आपस में झगड़ा कर रहे हैं. हम चाहते हैं कि अगर कश्मीर को दिखाना ही था तो कम से कम इतना तो जरूर दिखाना चाहिए था कि वहां पर आतंकवादियों ने जो हैवानियत कश्मीरी पंडितों के साथ की है, वही हैवानियत कश्मीरी मुसलमानों के साथ भी हुई. इन हालातों में वहां पर सैकड़ों मुसलमान भी मारे गए हैं, उनको भी दिखाना चाहिए था.
एस टी हसन के मुताबिक, इस फिल्म का राजनीतिकरण हो रहा है. यह फिल्म हमारे सौहार्द को बिगाड़ रही है. उन्होंने कहा कि हमारी प्यार मोहब्बत, गंगा जमुनी तहजीब को खराब कर रही है. हम समझते हैं उन चीजों को स्क्रीन के ऊपर नहीं लानी चाहिए या फिर पूरी हकीकत आनी चाहिए. जिस तरह से मुसलमानों ने अपने कश्मीरी पंडितों भाइयों को बचाया है उसको भी दिखाना चाहिए तब सौहार्द का संदेश जाता है, अभी नफरत का संदेश जा रहा है.
इस फिल्म पर अपनी राय रखते हुए एस टी हसन बोले कि केवल कश्मीरी पंडितों का कत्ल दिखाना उससे देश के अंदर एक खराब संदेश जा रहा है. हमारा देश गंगा जमुनी तहजीब का है, अनेकता और एकता की पहचान है, हम अपनी ताने-बाने को कहीं खराब तो नहीं कर रहे हैं. इस फिल्म के अंदर कुछ और चीजें आनी चाहिए जैसे मुसलमानों ने अपनी जान पर खेलकर पंडितों को बचाया, वहां के सौहार्द को बचाया.
सांसद ने कहा कि मुरादाबाद, मेरठ, गुजरात समेत कई स्थानों पर दंगे हुए हैं. दंगा करने वाले एक प्रतिशत लोग बामुश्किल होते हैं. उसका खामियाजा 99 फीसदी लोगों को भुगतना पड़ता है. अपना देश गंगा जमुनी तहजीब से जाना जाता है. देश में ऐसी फिल्मों के बनाने की जरूरत है जो सांप्रदायिक सौहार्द को मजबूत करें. इसी से देश मजबूत होगा.
(एनडीटीवी से इनपुट के साथ)