उत्तर प्रदेश में दूसरी बार योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में दो उपमुख्यमंत्री, 16 कैबिनेट मंत्री, 14 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और 20 राज्यमंत्री शामिल किए गए हैं. इस मंत्रिमंडल में मुस्लिम समुदाय से सिर्फ एक मंत्री बनाया गया.
उत्तर प्रदेश की आबादी में क़रीब बीस प्रतिशत मुसलमान हैं, जबकि सरकार में सिर्फ़ एक मुसलमान मंत्री हैं. ये हैं उत्तर प्रदेश के बलिया के रहने वाले और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे दानिश आज़ाद अंसारी.
शपथ ग्रहण से पहले यह माना जा रहा था कि पिछली सरकार में मंत्री रहे मोहसिन रजा जरूर नई कैबिनेट में शामिल होंगे. मगर बीजेपी ने नए मुस्लिम चेहरे को सामने लाकर सबको चौंका दिया. बेहद साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के महामंत्री दानिश आजाद पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भरोसा जताया और उन्हें राज्यमंत्री बनाया.
दानिश आजाद अंसारी सुन्नी मुस्लिम समाज से आते हैं. वह बलिया के निवासी है और एबीवीपी में सक्रिय रहे हैं. दानिश आजाद लखनऊ यूनिवर्सिटी में छात्र राजनीति करते रहे हैं. जिसके बाद भाषा समिति में उन्हें सदस्य पद से नवाजा गया था. वह फखरुद्दीन अली अहमद मेमोरियल कमेटी के भी सदस्य बनाए गए थे. इसी के बाद उनके काम को देखते उन्हें संगठन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.
इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें अल्पसंख्यक मोर्चा का प्रदेश महामंत्री बनाया. जिसके बाद उन्होंने सूबे के तमाम जनपदों का दौरा कर मुस्लिम समाज को पार्टी से जोड़ने का काम किया. यही वजह रही कि 2017 के मुकाबले 2022 के चुनाव में भाजपा को मुस्लिम वोटों में बढ़त मिली. माना जाता है कि यूपी के 8 फीसदी मुसलमानों ने बीजेपी को वोट दिया है.
दानिश आजाद को संगठन में मजबूत पकड़ के साथ ही मीडिया में पार्टी का बेहतरीन पक्ष रखने का भी मौका मिला.
दानिश को राज्यमंत्री मोहसिन रजा की जगह पर तरजीह दी गई है. मंत्री दानिश आजाद की मुस्लिम समाज के साथ ही युवाओं में भी बेहतरीन पकड़ है.
दानिश आजाद अंसारी सीएम योगी के करीबी माने जाते हैं. लखनऊ यूनिवर्सिटी से 2009 में बीकॉम करने वाले दानिश पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन से भी मास्टर डिग्री ले चुके हैं.
योगी सरकार के पिछले मंत्रिमंडल के एकमात्र मुस्लिम मंत्री मोहसिन रजा शिया समुदाय से थे. जबकि दानिश अंसारी सुन्नी बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं.