नई दिल्ली: दरगाह आला हजरत से जुड़े संगठन तंजीम उल्मा ए इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर कहा कि ‘बोर्ड अपने अस्ल मकसद से हट गया है, बोर्ड का गठन मुसलमानों के शरई मामलात के हल के लिए किया गया था मगर बोर्ड अब सिर्फ राजनीति कर रहा है.
मौलाना द्वारा कहा गया कि ‘बोर्ड पर सून्नी सूफी बरेलवी मुसलमान जो भारत में बहुसंख्यक तादात में हैं वो भरोसा नहीं करते हैं और न ही बोर्ड इनकी नूमाइंदीगी करता है.
दरअसल ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अभी हाल में एक बयान जारी कर कहा था कि देश के मुसलमान अपने धार्मिक रिति रिवाजों के मामले में वर्ष 1857 और 1947 से भी ज्यादा मुश्किल हालात से गुजर रहे हैं. बोर्ड ने महिलाओं से यह भी गुजारिश की है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के खिलाफ किये जा रहे दुष्ट प्रचार के प्रभाव में न आयें.
इसके बाद मौलाना शहाबुद्दीन रजवी के मुताबिक, बोर्ड शरीयत के मामले में कानूनी मदद के लिए बिल्कुल खामोश रहता है और जब चुनावी माहौल आता है, तो बोर्ड मुसलमानों के नाम पर राजनीति करने में किसी से पीछे नहीं रहता. बोर्ड भारतीय मुसलमानों को भयभीत करके डराने की कोशिश कर रहा है.
मौलाना रजवी ने कहा कि, ‘बोर्ड के पदाधिकारियों को ये ज्ञान होना चाहिए कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है यहां पर हर व्यक्ति को धार्मिक आजादी हासिल है, यहां की सरकारें संविधान के दायरे में रहकर काम करती हैं. जहां तक मुसलमानों की बात है तो मुसलमान भी अपने तमाम धार्मिक रिति रिवाज आजादी के साथ कर रहे हैं, देश के किसी भी राज्य में धार्मिक कार्यक्रमों पर कोई पाबंदी नहीं है.
(इनपुट आईएएनएस)