ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख और लोक सभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई और एआईएमआईएम नेता व विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी के हेट स्पीच मामले में बुधवार को फैसला आ गया है. एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट ने निर्मल और निजामाबाद जिलों में दर्ज हेट स्पीच मामले में अकबरुद्दीन ओवैसी को बरी कर दिया है. अकबरुद्दीन के खिलाफ ये दोनों मामले 2012 में दर्ज किए गए थे.
एआईएमआईएम नेता अकबरुद्दीन ओवैसी के खिलाफ हेट स्पीच मामले में मंगलवार को फैसला सुनाया जाना था, हालांकि स्पेशल कोर्ट ने इस पर फैसला बुधवार तक के लिए टाल दिया था.
वहीं, भड़काऊ भाषण देने के मामले में बड़ी राहत देते हुए स्पेशल कोर्ट ने बुधवार को एआईएमआईएम नेता को दोनों केसों में बरी कर दिया है. एआईएमआईएम नेता के खिलाफ मामले में 30 गवाहों के बयान दर्ज कराए गए.
अकबरुद्दीन ओवैसी के खिलाफ 2012 में आईपीसी की धारा 120-बी, 153-ए और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. अकबरुद्दीन ओवैसी को इस मामले में 40 दिनों तक जेल में रहना पड़ा था. कथित तौर पर उनके भाषणों को सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अकबरुद्दीन को गिरफ्तार किया गया था. हालांकि, जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों से इनकार किया था.
अकबरुद्दीन पर यह बयान देने का था आरोप
‘लोग मुसलमान को डरा रहे हैं. मोदी है.. मोदी है… काहे का मोदी.. एक बार हैदराबाद आ जाओ बता देंगे. तसलीमा नसरीन आई कहां है किसी को नहीं मालूम. हिंदुस्तान हम 25 करोड़ हैं.. तुम 100 करोड़ है न.. ठीक है तुम तो हमसे इतने ज्यादा हो… 15 मिनट पुलिस को हटा लो हम बता देंगे कि किसमें कितना दम है. एक हजार क्या? एक लाख क्या एक करोड़ नामर्द मिलकर भी कोशिश कर लें तो भी एक को पैदा नहीं कर सकते और ये लोग हमसे मुकाबला नहीं कर सकते. जब मुसलमान भारी पड़ा तो यह नामर्दों की फौज आ जाती है.’
विशेष सत्र अदालत ने एआईएमआईएम के फ्लोर लीडर को दो मामलों में बरी कर दिया है क्योंकि अभियोजन पक्ष विधायक के खिलाफ मामलों को साबित करने में विफल रहा है.
अकबरुद्दीन ओवैसी के वकील एम. ए. अज़ीम ने कहा, ‘विधायक के खिलाफ आरोपों को साबित करने के लिए अभियोजन पक्ष के पास पर्याप्त सबूत उपलब्ध नहीं थे, इसलिए उन्हें बरी कर दिया गया.’