नई दिल्ली: कानपुर पुलिस ने मिल्लत टाइम्स के चीफ एडिटर शम्स तबरेज कासमी के खिलाफ धारा 505, 507 और आईटी अधिनियम 66 के तहत एफआईआर दर्ज किया है.
मिल्लत टाइम्स ने रिपोर्ट कर बताया है कि कानपुर हिंसा मामला में ट्विटर पर भड़काऊ और फर्जी वीडियो पोस्ट करने का आरोप लगते हुए केस दर्ज किय गया है. दरअसल हाल ही में बीजेपी के नेता नुपुर शर्मा ने नबी की शान में गलत शब्दों को इस्तेमाल किया था. जिसके खिलाफ सभी मुसलमान उसकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं. इसे लेकर कानपुर में जुमे की नमाज के बाद एक शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने का भी ऐलान हुआ.
मुसलमानों ने दुकानों को बंद करके प्रदर्शन करने की कोशिश की थी, लेकिन कुछ हिंदू पक्षो के लोगों ने वहां आकर प्रदर्शन रोकने लगे. जिसके बाद दोनों पक्षो के बीच हिंसा का माहौल पैदा हो गया. इस घटना को लेकर कई वीडियो वायरल हो रही थी, जिसमें मिल्लत टाइम्स के चीफ एडिटर ने भी शेयर किया.
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था कि ‘भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा के विवादित बयान पर प्रदर्शन के दौरान कानुपर मे हिंसा भड़की. पथराव की घटना से हालात तनावपूर्ण हो गए हैं. वीडियो में आपको पुलिस के साथ एक पक्ष दिख रहा है, जो पुलिस की मौजूदगी में पत्थर चला रहा है. कार्रावाई होगी?,
भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा के विवादित बयान पर प्रदर्शन के दौरान कानुपर मे हिंसा भड़की है। दोनों पक्षों मे पथराव की घटना से हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। वीडियो में आपको पुलिस के साथ एक पक्ष दिख रहा है, जो पुलिस की मौजूदगी में पत्थर चला रहा है। कार्रावाई होगी? pic.twitter.com/TEo4xMErSc
— Shams Tabrez Qasmi (@ShamsTabrezQ) June 3, 2022
कानपुर पुलिस ने इन ट्वीट के आधार पर शम्स तबरेज कासमी पर केस दर्ज किया है. हैरानी वाली बात है जो उस घटना में शामिल थे पुलिस ने उनपर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की, केवल मुस्लिम पत्रकार और लोगों पर कार्रवाई की जा रही है. जुल्म के खिलाफ आवाज उठाने पर एक तरफा कार्रवाई क्यों होती है?
वहीं केस दर्ज होने के बाद मिल्लत टाइम्स के चीफ एडिर ने ट्वीट करके लिखा है कि यूपी पुलिस ने कानपुर हिंसा की वीडियो शेयर करने पर मेरे खिलाफ FIR दर्ज किया है. गोदी मीडिया की वन साइडेड रिपोर्ट के खिलाफ़ एक वीडियो पोस्ट करके मैं ने बताया था कि यह लोग भी पत्थर फेंक रहे हैं जिस को क्यों नहीं दिखाया जा रहा है. पुलिस मुझे डराने की कोशिश कर रही है लेकिन मैं ईमानदारी से अपना काम करता रहूंगा, पुलिस का आरोप बेबुनियाद और झूठा है.
यूपी पुलिस ने कानपुर हिंसा की वीडियो शेयर करने पर मेरे खिलाफ FIR दर्ज किया है। गोदी मीडिया की वन साइडेड रिपोर्ट के खिलाफ़ एक वीडियो पोस्ट करके मैं ने बताया था कि यह लोग भी पत्थर फेंक रहे हैं जिस को क्यों नहीं दिखाया जा रहा है। पुलिस मुझे डराने की कोशिश कर रही है लेकिन pic.twitter.com/fpK5v2V85t
— Shams Tabrez Qasmi (@ShamsTabrezQ) June 6, 2022
वहीं दूसरी तरफ प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने मिल्लत टाईम्स के चीफ़ एडिटर शम्स तबरेज कासमी पर यूपी पुलिस द्वारा किए गए एफआईआर को ख़त्म करने की मांग की है.
The Press Club of India is concerned and dismayed over an FIR filed against Shams Tabrez Qasmi (@ShamsTabrezQ), editor of Millat Times by the UP Police over a tweet. We demand withdrawal of FIR against the journalist. https://t.co/behA3ohiGM
— Press Club of India (@PCITweets) June 6, 2022
प्रेस क्लब ने अपने ऑफिशियल ट्वीटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा कि तबरेज कासमी पर हुए एफआईआर से हम निराश हैं, हम उनके खिलाफ़ हुए प्रथिमिकी को ख़त्म करने की मांग करते हैं.
Okhla Press Club ( @okhlapressclub ) is concerned and dismayed over an FIR filed against Shams Tabrez Qasmi (@ShamsTabrezQ), editor of Millat Times ( @Millat_Times ) by the @Uppolice over a tweet. We demand withdrawal of FIR against the journalist. @PCITweets @mumbaipressclub https://t.co/7tgLPpWrPG
— Okhla Press Club (@okhlapressclub) June 6, 2022

