उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 10 जून को अटाला पथराव व हिंसा मामले में गिरफ्तार जावेद मोहम्मद की पत्नी परवीन फातिमा और बेटी सुमैया फातिमा को पुलिस द्वारा आधी रात को गैर कानूनी तौर पर घर से उठाकर थाने में अवैध हिरासत में रखने के मामले में अधिवक्ता स्मृति कार्तिकेय द्वारा दाखिल याचिका में राष्ट्रीय महिला आयोग ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर इस सम्बंध में कृत कार्यवाही से अवगत कराने को कहा है.
महिला के सम्मान और निजता की रक्षा हेतु दंड प्रक्रिया संहिता के धारा 46 (4) के अंतर्गत प्रावधान किया गया है कि सूर्यास्त के बाद पुलिस किसी महिला को न तो गिरफ्तार करेगी न थाने लाएगी.
यहां परवीन फातिमा और सुमैया फातिमा के विरुद्ध किसी थाने में कोई एफआईआर दर्ज नहीं है.
धारा 160 में यह प्रावधान है कि महिला से बयान उसके घर पर उसके परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में उसके घर पर लिया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने भी नंदिनी सुंदर के केस में फैसला दिया था कि महिला को रात में थाने में नही ले जा सकते. इन दोनों महिलाओं के साथ थाने में बदसलूकी भी हुई.
अधिवक्ता मंच के संयोजक गण राजवेंद्र सिंह और सईद सिद्दीकी ने स्मृति कार्तिकेय को बधाई और और महिला आयोग को धन्यवाद दिया है.