नई दिल्ली: वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया ने भारत के सशस्त्र बलों के लिए नई भर्ती योजना की कड़ी निंदा की और कहा कि यह मोदी सरकार द्वारा एक गलत और विनाशकारी कदम है जिससे नागरिक समाज का सैन्यीकरण हो सकता है और इसे वापस लेने की मांग की.
वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. एसक्यूआर इलयास ने मोदी सरकार के इस दावे की आलोचना की कि नई अग्निपथ योजना के माध्यम से रक्षाकर्मियों की औसत आयु में कमी आएगी और पेंशन व्यय भी कम हो जाएगा. उन्होंने आगे कहा, “हमारा देश, भारत अनुबंध के आधार पर सैनिकों की भर्ती करके देश की सुरक्षा पर समझौता करने का जोखिम नहीं उठा सकता है.’
उन्होंने कहा, अग्निपथ योजना के अनुसार, 17.5 से 23 वर्ष के आयु वर्ग के युवा नागरिकों की भर्ती की जाएगी और उन्हें ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा, जबकि रक्षा क्षेत्र को केवल ‘युवा और फिट’ की ही नहीं, बल्कि अनुभवी कर्मियों की भी आवश्यकता है.
उन्होंने कहा, “यह योजना रक्षा क्षेत्र का मनोबल गिराएगी. नए रंगरूटों की छह महीने के प्रशिक्षण पर बहाली और जल्दी सेवानिवृत्ति उनकी गुणवत्ता और उनकी पेशेवराना क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगी.”
उन्होंने यह जानने की मांग की कि इस योजना को बिना किसी सार्वजनिक बहस के क्यों पेश किया गया, जिसकी आज पूर्व सैनिकों, डॉक्टरों, इंजीनियरों और राजनेताओं सहित समाज के विभिन्न वर्गों में तीखी आलोचना हो रही है.
उन्होंने कहा कि देश में लोग पहले से ही बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी से त्रस्त हैं और ऐसे में एकतरफा पारित गलत नीतियों से युवाओं के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि ऐसी आशंकाएं हैं कि यह योजना आरएसएस के एजेंडे को समायोजित करने के लिए डिज़ाइन की गई है जिससे नागरिक समाज का सैन्यीकरण हो और देश में शांति और सद्भाव को गंभीर रूप से खतरे में डाला जाए.