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पाकिस्तान की अभी खत्म नहीं हुई मुसीबत, FATF की ग्रे लिस्ट से निकलना मुश्किल

नई दिल्ली: फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की जून 2022 की बैठक के बाद भी पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं निकल पाया है. ग्लोबल मनी लॅान्डरिंग और टेरर फाइनेंसिंग पर नज़र रखने वाली संस्था FATF ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

न्यूज़ नेशन रिपोर्ट के अनुसार, FATF ने कहा कि पाकिस्तान ने मनी लॅान्डरिंग और टेरर फाइनेंसिंग को लेकर मिलीं सब शर्तें पूरी नहीं की हैं. अक्तूबर महीने में FATF की एक टीम पाकिस्तान का ऑनसाइट दौरा करेगी. जिसके बाद ही यह फ़ैसला किया जाएगा कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से निकालना है या नहीं.

पाकिस्तान नहीं कर पाया शर्तों को पूरा

दरअसल पाकिस्तान को साल 2018 में एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में लाया गया था. पाकिस्तान पर अलग-अलग आतंकी संगठनों को वित्त पोषित करने का आरोप था. उसके बाद पाकिस्तान को खुद को इन सबसे साफ साबित करने के लिए कई कार्य योजनाओं पर काम करना था, जिनकी समय-समय पर समीक्षा की गई. ऐसी ही समीक्षाएं अक्तूबर 2018, अक्तूबर 2019, अक्तूबर 2020, अप्रैल 2021, अक्तूबर 2021 और मार्च 2022 में भी हुई थी. लेकिन पाकिस्तान अब तक FATF की सिफारिशों पर ठीक से काम नहीं कर पाया है और उसे अब तक कोई राहत नहीं मिल पाई है.

पाकिस्तान लगा रहा है पूरा ज़ोर

2021 में आई एक रिपॅार्ट में यह दावा किया गया था कि पिछले क़रीब एक दशक में FATF की ग्रे लिस्ट में रहने की वजह से पाकिस्तान को लगभग $38 बिलियन का नुक़सान हुआ है. इसी वजह से पाकिस्तान ग्रे लिस्ट से निकलने का पूरा प्रयास कर रहा है. इसके चलते पाकिस्तान ने यूएन द्वारा घोषित हाफ़िज़ सईद जैसे आतंकवादियों पर भी कार्रवाई की और उन्हें जेल में डाला. हालांकि भारत ने इन कार्रवाईयों को हमेशा एक दिखावा मात्र बताया. FATF के अनुसार पाकिस्तान ने अब तक दो कार्य योजनाओं को पूरा कर लिया है जिनमें करीब 34 आइटम शामिल हैं, लेकिन पाकिस्तान अभी सब शर्तें पूरी नहीं कर पाया है.

आख़िर क्या करता है FATF

दरअसल FATF एक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से बनी एक संस्था है, जिसमें फिलहाल 39 सदस्य हैं. इनमें 37 देश और 2 अंतर्राष्ट्रीय समूह (EU और GCC) शामिल हैं. भारत भी इसका एक सदस्य देश है. इसका उद्देश्य दुनियाभर में ग्लोबल मनी लॅान्डरिंग (वैश्विक धन शोधन) और टेरर फाइनेंसिंग (आतंकी वित्त पोषण) पर नज़र रखना और उसके खिलाफ कार्रवाई करना है.

इसी के तहत इन समस्याओं की गंभीरता और उनपर कार्रवाई करने के उद्देश्य से देशों को अलग-अलग लिस्ट में बांटा जाता है. इन लिस्ट को आमतौर पर ग्रे और ब्लैक नाम से जाना जाता है, लेकिन ये इनके आधिकारिक नाम नहीं हैं.

अब 22 देश होंगे ग्रे लिस्ट में

मार्च 2022 तक कुल 23 देश ग्रे लिस्ट में थे. इसमें पाकिस्तान के साथ-साथ सीरिया, तुर्की, म्यांमार, फिलिपींस, साउथ सुडान, युगांडा और यमन आदि शामिल हैं लेकिन अब इस लिस्ट से पाकिस्तान का नाम हट जाएगा.

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