नई दिल्ली: कर्नाटक प्री-यूनिवर्सिटी कोर्स (पीयूसी) के परिणाम घोषित किए जा रहे हैं. आज राज्य में घोषित किये गए परिणाम में हिजाब पहनने वाली एक मुस्लिम छात्रा इल्हाम ने विज्ञान स्ट्रीम में पूरे राज्य में दूसरा स्थान हासिल किया है.
बता दें कि कर्नाटक में जिस तरह मुस्लिम लड़कियों को परीक्षा देने के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ा है सब जानते ही होंगे. हिजाब को लेकर मुस्लिम लड़कियों के खिलाफ नारे भी लगाए गए.
कई स्कूलों में उन्हें बिना हिजाब के परीक्षा देने तक नहीं दी गई. लेकिन ‘इल्हाम’ ने 12वीं की परीक्षा में 597 अंक हासिल कर के एक मिसाल कायम की है. दरअसल कर्नाटक की हिजाबी मुस्लिम छात्रा ‘इल्हाम’ ने 12वीं कक्षा में दूसरा स्थान हासिल किया है. साथ ही यह साबित किया है कि हिजाब मुस्लिम महिलाओं की ताकत है. उन लोगों को गलत ठहराया है जो कहते थे कि हिजाब के कारण लड़कियां पढ़ नहीं पाती हैं.
एक हिजाबी मुस्लिम छात्रा ‘इल्हम’ ने 12वीं की परीक्षा में 597 अंक हासिल कर कर्नाटक में दूसरा स्थान हासिल किया है। ये वही कर्नाटक है जहाँ हिजाब पहनी मुस्लिम छात्राओं किस क़दर परेशान किया गया आप सभी जानते हैं… pic.twitter.com/1qasa59tIx
— Ashraf Hussain (@AshrafFem) June 19, 2022
‘इल्हाम’ ने साबित कर दिया कि हिजाब पहनर भी शिक्षा हासिल की जाती है. इल्हाम’ ने सेंट एलॉयसियस स्कूल, मैंगलोर से साइंस स्ट्रीम में 600 में से 597 अंक हासिल किए और क्लिनिकल साइकोलॉजी में अपना करियर बनाना चाहती हैं.
इसी कॉलेज की अनीशा माल्या 595 अंक हासिल कर कॉमर्स स्ट्रीम में दूसरे स्थान पर रही. अनीशा माल्या बीकॉम करना चाहती हैं.
इल्हाम ने बताया, “जब मेरे रिश्तेदारों ने मुझे यह बताने के लिए फोन किया कि मैंने दूसरी रैंक हासिल की है, तो मुझे इस पर विश्वास नहीं हुआ. जब मैंने देखा कि मैंने 600 में से 597 अंक हासिल किए हैं, तो मुझे बहुत खुशी हुई।” छात्रा ने कहा कि वह येनेपोया डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी में अपनी उच्च शिक्षा हासिल करेगी.
इल्हाम और अनीशा माल्या. फोटो : सोशल मीडिया
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 15 मार्च को कर्नाटक में चल रहे हिजाब विवाद पर अपना फैसला सुनाया था. उच्च न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ ने स्पष्ट किया था कि हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है और स्कूलों और कॉलेजों में हिजाब पहनने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. हालांकि अभी इसकी सुनवाई नहीं हुई है. मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा था कि मामले की सुनवाई जल्द की जाएगी. हाल ही में कर्नाटक उच्च न्यायालय के एक फैसले के बावजूद, कॉलेज समिति ने कॉलेज में हिजाब पहनने की अनुमति के विरोध में 23 मुस्लिम लड़कियों को कॉलेज से निष्कासित कर दिया है.