अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के दो शोधार्थियों ने अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में पेपर प्रेजेंटेशन दिया है. इन छात्रों के नाम इंज़माम उल सरकार और मोहम्मद सैफ हैं. इंज़माम अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से भाषा विज्ञान (Department of Linguistics) और मोहम्मद सैफ (राजनीति विज्ञान विभाग) से पीएचडी कर रहे हैं. इन दोनों शोधार्थियों ने लंदन के किंग्स कॉलेज द्वारा आयोजित एक ऑनलाइ कांफ्रेंस में पेपर प्रेजेंटेशन दिया.
दि रिपोर्ट न्यूज़ के अनुसार, इन दोनों शोधार्थियों ने ”दक्षिण एशिया में परिवर्तन और निरंतरता: अनपैकिंग पहचान, सुरक्षा और प्रौद्योगिकी” विषय पर अपना प्रजिटेंशन दिया है. सम्मेलन का आयोजन किंग्स कॉलेज द्वारा दक्षिण एशियाई अध्ययन कार्यक्रम विभाग, सिंगापुर के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के सहयोग से हाइब्रिड मोड में किया गया था.
“दिल्ली मुस्लिमों की इंडेक्सिकल आइडेंटिटी: सोशल सेपरेशन, पॉलिटिकल नैरेटिव्स एंड उर्दू” शीर्षक वाला यह पेपर एक लंबी अवधि के नृवंशविज्ञान पर आधारित है, जिसमें एएमयू के शोधकर्ताओं ने दिल्ली में मुस्लिमों की विभिन्न बस्तियों का दौरा करके नए गठित क्षेत्र का विश्लेषण किया है. इस पेपर में जामिया नगर, निजामुद्दीन बस्ती और पुरानी दिल्ली के निवासियों के साथ अर्ध-संरचित साक्षात्कार के माध्यम से जानकारी एकत्र की गई थी.
इस पेपर में सार्वजनिक क्षेत्र में मुसलमानों की एक अलग धार्मिक पहचान और उनकी बोलचाल तथा उर्दू के बारे में समाज में रखी गई धारणाओं का भी उल्लेख है, जो दिल्ली के शहरी बयानबाजी में मुसलमानों की स्थिति का निर्धारण करने में एक प्रमुख कारक होगा.
इन्होंने उन आख्यानों का प्रस्ताव रखा जो हाशिए के मुसलमानों के घर, समुदाय और शहर के भीतर और बाहर के कई निर्माणों की एक जटिल तस्वीर प्रदान करते हैं. दोनों विद्वानों ने अपने पर्यवेक्षकों प्रोफेसर एस. इम्तियाज हसनैन (डीन, कला संकाय; भाषाविज्ञान विभाग) और प्रोफेसर इफ्तेखार अहमद (राजनीति विज्ञान विभाग) को उनके मार्गदर्शन और समर्थन के लिए धन्यवाद दिया.