रांची: झारखंड के रांची सदर अस्पताल में एक मुस्लिम महिला के साथ धर्म के नाम पर भेदभाव किया गया. साथ ही डॉक्टरों ने उस मुस्लिम महिला को जिहादी बताया और इलाज करने से साफ इंकार कर दिया.
इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें महिला बता रही है कि उसे जिहादी बताया गया और कहा कि 6 महीने में फिर से बच्चे पैदा करने की चाहत है. मिली जानकारी के मुताबिक, महिला के परिवार वालों ने अस्पताल में इसका विरोध भी किया, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सूनी.
मिल्लत टाइम्स की खबर के अनुसार, मुसलमान होने के कारण महिला का इलाज करने से इंकार करने वाली डॉक्टर को भी छुपा दिया गया. दऱअसल फरहाद जबी नाम की महिला अपने स्वास्थ्य की जांच के लिए रांची सदर अस्पताल पहुंची थी, जिसके साथ डॉक्टरों ने धर्म के नाम पर प्रताड़ित किया, महिला को जिहादी बताया और ज्यादा बच्चे पैदा करने का आरोप लगया.
झारखंड के राँची सदर अस्पताल में एक मुस्लिम महिला का आरोप है कि डॉक्टर ने उन्हे जिहादी बता इलाज़ से इंकार कर दिया। साथ ही कहा कि बिना बताए कॉपर-टी लगा दी गई और जब हटाने को कहा तो उन्हे जिहादी बता उनपर फिरसे बच्चे पैदा करने की चाहत का आरोप लगा दिया। जबकि उनका बच्चा अभी 6 माह का है। pic.twitter.com/u0fNJd5jta
— Ashraf Hussain (@AshrafFem) September 7, 2022
महिला ने बताया कि मैं पिठोरिया से इलाज कराने आई हूं. मैं अपनी समस्या बता रही थी, उसी समय ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर झल्ला गयी. नर्स और डॉक्टर ने मुझे जिहादी बताया. महिला बोली कि मुसलमान होने के कारण हमारे साथ दुर्व्यवहार किया गया है. वहीं महिला के पति तैयब आलम ने कहा कि उसकी पत्नी अपनी पीड़ा बता रही थी. यहां इलाज के बजाए हम लोगों के साथ अभद्रता किया गया, इससे मन विचलित है.
बता दें कि घटना के बाद सदर अस्पताल नए भवन के मुख्य द्वार पर फरहाद जबी अपने पति तैयब आलम और 6 महीने की बच्ची के साथ धरने पर बैठ गई थीं. हालांकि कुछ वक्त के बाद वो धरने पर से उठ गईं. वहीं इस मामले पर सिविल सर्जन रांची डॉ. विनोद कुमार ने कहा कि मैं इस घटना की निंदा करता हूं.
आरोप लगाने वाली महिला को लिखित में शिकायत करने के लिए कहा गया है. डॉ. विनोद कुमार ने कहा कि जांच के उपरांत नियम संगत कार्रवाई करेंगे. हंगामा की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को शांत कराया.