नई दिल्ली: अभी जब मदरसे को लेकर अलग अलग तरह की बातें बनाई जा रही है कि यहां पढ़ने वाले बच्चे या तो जिंदगी की दौड़ में पिछड़ जाते हैं या फिर यहां पढ़ने वाले बच्चे कुछ जानते ही नहीं हैं. ऐसे में एनईईटी 2022 के रिजल्ट ने सबको चौका दिया है.
इस बार एक नहीं कई मदरसे से पढ़ने वाले छात्रों ने इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में अच्छी रैंक लाकर न केवल डॉक्टर बनने जा रहे हैं. बहुत मुमकिन है कि मदरसों को लेकर दुष्प्रचार करने वालों को नए सिरे से इस बारे में सोचना पड़ जाए.
बता दें कि इस बार एनईईटी की परीक्षा में पूरे भारत से करीब 18 लाख बच्चे शामिल हुए थे. इसमें से कई मदरसा से पास-आउट छात्र भी हैं. उनमें से कई ने इस एग्जाम में बड़ी कामयाबी के झंडे गाड़े हैं.
आवाज़ द वॉयस की खबर के मुताबिक, ऐसे ही छात्रों में बीदर के मदरसे से पास आउट शाहीन कॉलेज के 10 हाफिज भी हैं. परीक्षा में इनकी रैंक को देखकर कयास लगाया जा रहा है कि सरकारी एमबीबीएस सीटें मिल जाएंगी. दस छात्रों में से चार ने 600 से अधिक अंक प्राप्त किए हैं.
हालांकि, सैकड़ों छात्रों के बीच, इन हाफिज छात्रों ने शाहीन समूह के संस्थानों में वास्तव में एक उल्लेखनीय गौरव जोड़ दिया है. संस्थान के लोग बताते हैं कि ये छात्र कभी स्कूल नहीं गए.
उन्हें अरबी और उर्दू के अलावा अन्य भाषाओं या विषयों का कोई ज्ञान नहीं था. मदरसे से निकलने के बाद शाहीन संस्थान की एकेडमिक इंटेंसिव केयर यूनिट ने उन्हें उत्कृष्टता हासिल करने और प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेजों में मुफ्त सरकारी सीटें हासिल करने में मदद की.
उन्हें कोचिंग दी, विज्ञान, गणित पढ़ाया गया. बता दें कि यह संस्था हाफिज छात्रों को एक अनोखे लेकिन सफल मॉडल के जरिए चिकित्सा और अन्य व्यवसायों में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करती है.
एनईईटी में हर साल की तरह इस साल भी कॉलेज को सबसे अच्छा परिणाम मिला है. 450 से अधिक छात्रों को सरकारी एमबीबीएस सीटें हासिल करने की उम्मीद है. डॉ. अब्दुल कादिर शाहीन ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के अध्यक्ष हैं.
उन्होंने बताया कि मदरसा में हाफिज कोर्स पूरा करने वाले 12 छात्रों ने हमारे संस्थान में बेसिक कोर्स का अध्ययन किया. पीयूसी पूरा किया और एनईईटी में अच्छा प्रदर्शन किया.
उन्होंने कहा कि कुल उपलब्धि हासिल करने वालों में बड़ी संख्या में ऐसे छात्र हैं जिन्होंने सरकारी स्कूलों, कन्नड़ माध्यम और ग्रामीण क्षेत्रों में पढ़ाई की है.
मदरसा स्नातक मोहम्मद अली इकबाल ने कहा, मैं बहुत खुश हूं, क्योंकि मुझे एनईईटी में 680 अंक मिले हैं. हाफिज का कोर्स पूरा करने वाले और शाहीन कॉलेज में टॉपर बनकर उभरे अली इकबाल ने कहा कि शाहीन की एकेडमिक इंटेंसिव केयर यूनिट फॉर ड्रॉपआउट्स के कारण उनका मेडिकल कोर्स का सपना सच हो गया.