नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को देश भर के शैक्षणिक संस्थानों में एक समान ड्रेस कोड लागू करने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर विचार करने से इनकार कर दिया.
न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने हालांकि शुरुआत में ही मामले की सुनवाई करने से इनकार कर दिया.
न्यायमूर्ति गुप्ता ने कहा, ‘यह मामला अदालत में नहीं आना चाहिए। हमारे पास पूरे देश में एक समान स्कूल वर्दी नहीं हो सकती है.’
बार & बेंच की खबर के अनुसार, वरिष्ठ अधिवक्ता और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता गौरव भाटिया पेश हुए और अदालत को सूचित करने का प्रयास किया कि जो मांगा जा रहा है वह केवल एक वर्दी नहीं बल्कि एकरूपता है.
उन्होंने शिक्षा के अधिकार और संस्थानों में अनुशासन की आवश्यकता का हवाला देते हुए देश भर के शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों, छात्रों और कर्मचारियों के लिए ड्रेस कोड में एकरूपता की मांग की.
मामले की सुनवाई के लिए अदालतों के अनिच्छुक होने पर, वकील ने स्वेच्छा से जनहित याचिका को वापस लेने के लिए कहा, इस अनुरोध को बेंच ने स्वीकार कर लिया.
इसी पीठ के पास वर्तमान में कर्नाटक उच्च न्यायालय के उस फैसले को चुनौती देने वाली अपीलों का एक समूह है जिसमें सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध को प्रभावी ढंग से बरकरार रखा गया है.
याचिकाकर्ताओं- कर्नाटक के विभिन्न कॉलेजों की मुस्लिम छात्राओं- ने हिजाब पहनने के कारण कक्षाओं में भाग लेने से इनकार करने के बाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.
इस मामले की अगली सुनवाई 19 सितंबर 2022 को होगी.