आप विधायक अमानतुल्लाह खान की गिरफ्तारी या रिमांड अवैध नहीं है, विधायक की याचिका पर ईडी का जवाब

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा है कि दिल्ली वक्फ बोर्ड की भर्ती से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले के आरोपी आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अमानतुल्लाह खान की गिरफ्तारी कई एफआईआर (FIR) के आधार पर की गई है. ईडी ने ये दलील दिल्ली हाईकोर्ट में अमानतुल्लाह खान की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान दी. जस्टिस मनोज कुमार ओहरी की बेंच ने इस मामले पर अगली सुनवाई 17 दिसंबर को करने का आदेश दिया.

ईटीवी भारत की खबर के अनुसार, ईडी ने कहा कि अमानतुल्लाह खान ने केवल एक एफआईआर का हवाला देकर केस को दिग्भ्रमित करने की कोशिश की है और उन एफआईआर को नजरअंदाज कर दिया है जिसमें जांच जारी है. ईडी ने कहा कि जांच के दौरान जो साक्ष्य और बयान दर्ज किए गए हैं उससे साफ है कि अमानतुल्लाह खान ने दिल्ली वक्फ बोर्ड का चेयरमैन रहते हुए कानूनी प्रक्रियाओं को नजरअंदाज कर अपने नजदीकी लोगों को नियुक्ति दी. ईडी ने कहा कि अमानतुल्लाह खान की गिरफ्तारी मनी लॉन्ड्रिंग कानून की धारा 19 के तहत की गई है.

बता दें कि 19 सितंबर को सुनवाई के दौरान ईडी ने अमानतुल्लाह की याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि याचिका में याचिकाकर्ता ने ये नहीं बताया है कि उसकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी. तब कोर्ट ने कहा था कि याचिका के सुनवाई योग्य होने का सवाल हमेशा खुला हुआ है. ईडी ने अमानतुल्लाह खान को 2 सितंबर को गिरफ्तार किया था. ईडी के मुताबिक दिल्ली वक्फ बोर्ड की भर्ती में गड़बड़ियों में अमानतुल्लाह खान ही मुख्य आरोपी हैं.

ईडी के मुताबिक, अमानतुल्लाह खान ने आपराधिक गतिविधियों से काफी संपत्ति अर्जित की और अपने सहयोगियों के नाम पर अचल संपत्ति खरीदी है. ईडी के मुताबिक छापे के दौरान कई दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य ऐसे मिले हैं जिनसे पता चलता है कि वो मनी लाउंड्रिंग के अपराध में लिप्त हैं. बता दें कि ईडी ने 9 जनवरी को चार्जशीट दाखिल की थी.

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