क्या है कॉमन सिविल कोड?
समान नागरिक संहिता में देश में शादी, तलाक, उत्तराधिकार, गोद लेने जैसे सामाजिक मुद्दे एक समान कानून के तहत आ जाएंगे. इसमें धर्म के आधार पर कोई कोर्ट या अलग व्यवस्था नहीं होगी. कॉमन सिविल कोड को लागू करने के लिए संसद की मंजूरी जरूरी है. गौरतलब है कि आजादी से पहले हिंदुओं और मुस्लिमों के लिए अलग-अलग कानून लागू किए गए थे. भाजपा ने कॉमन सिविल कोड को अपने तीन मुख्य एजेंडे में शामिल किया था. 2014 के लोकसभा चुनाव के भाजपा के घोषणा पत्र में भी यह मुद्दा शामिल था.
शाह की बीजेपी नेताओं को नसीहत:-
भोपाल में भाजपा दफ्तर में पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में शाह ने कहा कि बड़े और जिम्मेदार नेताओं को हार के लिए जिम्मेदार माना जाएगा. इसके साथ ही बैठक में 2018 के हार की समीक्षा की गई. उन्होंने पूछा कि वोट शेयर बढ़ा तो सीटें क्यों हार गए. उन्होंने कहा कि सरकार अच्छा काम कर रही है लेकिन संगठन के कामों का रिपोर्ट कार्ड उतना अच्छा नहीं है. पूर्व भाजपा अध्यक्ष शाह ने कहा कि बूथ मैनेजमेंट का काम मध्य प्रदेश कर रहा है. बूथ को डिजिटल करने के साथ उनकी मॉनिटरिंग भी लगातार करते रहें. प्रदेश में जिस तरह से मंत्रिमंडल और संगठन में मनमुटाव की खबरें बाहर आती हैं, उसे लेकर भी उन्होंने सख्त हिदायत दी कि इस तरह से पार्टी का अनुशासन बिगड़ता है. सभी की जिम्मेदारी है कि पार्टी का अनुशासन बना रहे.
(इनपुट ईटीवी भारत)