नई दिल्ली-लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मदरसों को लेकर विवाद अभी खत्म नहीं हुआ है. लेकिन इसी बीच अब योगी सरकार ने एक और बड़ी घोषणा की है. योगी सरकार ने राज्य में वक्फ संपत्तियों के सर्वेक्षण का आदेश दिया है. एक महीने के भीतर यूपी वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का निरीक्षण करने का आदेश दिया गया है. दरअसल, नियमों की अवहेलना कर संयुक्त संपत्तियों को वक्फ संपत्तियों के रूप में दर्ज करने और वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जे के आरोप लगते रहे हैं.
आवाज़ द वॉयस की खबर के मुताबिक, आदेश के मुताबिक यूपी के सभी जिलों में शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड की जांच की जाएगी. वहीं सरकार ने 1989 में राजस्व विभाग के शासनादेश को रद्द करते हुए सभी जिलों को एक महीने के भीतर जांच पूरी करने का निर्देश दिया है.
दिल्ली की ऐतिहासिक मस्जिद फतेहपुरी के इमाम मौलाना मुफ्ती मुहम्मद मुकर्रम अहमद ने यूपी सरकार के फैसले पर कहा कि मुसलमानों को इस तरह के सर्वे से कोई दिक्कत नहीं है, फिर चाहे वो स्कूल के हों या मस्जिद के, ये पहले भी होते रहे हैं. इसलिए चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. मेरा कहना है कि अगर सरकार को कुछ करना है, तो सरकारी दफ्तरों का सर्वे करें, अगर कोई मकसद हो तो, सभी धार्मिक संस्थाओं को चेक किया जाए.
गौरतलब है कि इस सर्वे के दौरान वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की पूरी जानकारी देनी होगी. इसके पीछे सरकार का मकसद वक्फ संपत्तियों के अवैध कब्जे और बिक्री को रोकना है.
यूपी सरकार के उप सचिव शकील अहमद सिद्दीकी ने आयुक्तों और जिलाधिकारियों को पत्र जारी कर ऐसी संपत्तियों की जांच करने को कहा है. पत्र में कहा गया है कि कई वक्फ अधिकारियों ने वक्फ अधिनियम, 1995 और यूपी मुस्लिम वक्फ अधिनियम, 1960 के तहत संपत्ति के पंजीकरण से संबंधित नियमों की अनदेखी की है. ऐसी संपत्तियों को राजस्व अभिलेखों में ठीक से दर्ज करने के लिए 1989 में एक आदेश भी जारी किया गया था.
दरअसल, 1989 के आदेश के अनुसार ये संपत्तियां ज्यादातर बंजार, असर और भीता श्रेणियों के तहत पंजीकृत हैं. इन भूमियों को राजस्व अभिलेखों में ठीक से दर्ज और सीमांकित किया जाना चाहिए. सरकारी दिशानिर्देशों के अनुसार, ग्राम सभाओं और नगर परिषदों के पास सार्वजनिक संपत्ति होती है और कानून द्वारा इन संपत्तियों का उपयोग आम जनता के लाभ के लिए करना आवश्यक है. 1989 के आदेश के तहत इन क्षेत्रों के प्रबंधन और प्रकृति में परिवर्तन निषिद्ध हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी के सभी जिला अधिकारियों को एक महीने के भीतर सर्वे पूरा कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. खबरों के मुताबिक, सरकार का इरादा वक्फ संपत्तियों के अवैध कब्जे और बिक्री को रोकने का है. सरकार की ओर से 19 सितंबर को जारी आदेश के मुताबिक यूपी में राज्य के सभी जिलों में शिया और सुन्नी वक्फ बोर्डों की जांच की जाएगी.
सरकार की ओर से 19 सितंबर को जारी आदेश के मुताबिक यूपी के सभी जिलों में शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड की जांच की जाएगी. यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि हाल ही में वक्फ अधिनियम के भारतीय कानूनों से श्रेष्ठ होने के विवाद ने कई विवादों को आमंत्रित किया है. रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि वक्फ बोर्ड के पास भारतीय सशस्त्र बलों और भारतीय रेलवे के बाद देश में सबसे बड़ी भूमि है.