एआईएमपीएलबी बोर्ड में बढ़ाएगा महिलाओं का प्रतिनिधित्व

लखनऊ: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने बोर्ड की निर्णय लेने वाली समितियों में अधिक महिलाओं को शामिल करने का फैसला किया है। मार्च 2022 में अपनी महिला विंग को बंद करने के बाद एआईएमपीएलबी ने न केवल इसे अब बहाल कर दिया है, बल्कि उनकी राय जानने के लिए उन्हें अपनी सभी महत्वपूर्ण समितियों में शामिल करने का फैसला किया है।

महिला विंग इस्लामिक शरीयत के अनुसार समुदाय की महिलाओं को महिलाओं के अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में शिक्षित करेगी।

बोर्ड की महिला सदस्य मुस्लिम समाज में महंगी शादियों, दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान चलाने के साथ ही बेटियों को दहेज के बदले संपत्ति में हिस्सा देने के लिए परिवारों को जागरूक करेंगी।

एआईएमपीएलबी के कार्यकारी सदस्य डॉ. कासिम रसूल इलियास ने कहा, रविवार को बोर्ड की बैठक में महिला विंग को बहाल कर दिया गया है। देशभर में एआईएमपीएलबी के 251 सदस्य हैं, इनमें से महिला सदस्यों की संख्या 30 है। कार्यकारी समिति के सदस्यों की संख्या 51 है, इसमें चार महिलाओं को शामिल किया गया है।

उन्होंने कहा, अब बोर्ड की महिला विंग में एक संयोजक और पांच संयुक्त संयोजक होंगे। वे देश भर में महिला सदस्य बनाने का काम करेंगी। ये सदस्य महिलाओं को महिलाओं के अधिकारों और उनके कर्तव्यों के बारे में जागरूक करेंगी। वे इस्लाह-ए-अशरा तफहीम-ए-शरीयत और कानून-ए-शरीयत के बारे में भी जानकारी देंगे।

डॉ. कासिम ने कहा कि एआईएमपीएलबी ने निकाहनामे को चार पेज से घटाकर दो पेज करने के लिए कुछ बदलावों के साथ इसे सरल बनाया है। निकाहनामा में शादी के बाद पति और उसके अधिकारों की जानकारी के साथ ही शादी की रस्म अदा करने वाले काजी को उसके कर्तव्य और दिशा-निर्देश दिए गए हैं।

—आईएएनएस

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