नई दिल्ली: असम के धुबरी से पूर्व सांसद और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के अध्यक्ष मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने नई संसद भवन को लेकर बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा है कि नया संसद भवन वक्फ की जमीन पर बना है. अजमल ने वक़्फ बोर्ड संशोधन बिल का विरोध किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार वक़्फ की जमीन को हड़पना चाहती है.
‘वक़्फ की जमीन पर बनी है नई संसद भवन’
जानकारी के अनुसार, मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने वक़्फ बिल के खिलाफ बोलते हुए कहा कि नई संसद ही वक़्फ की जमीन पर बनी है. उन्होंने दावा किया कि सरकार वक़्फ बोर्ड की 9.7 लाख बीघा जमीन हड़पना चाहती है. उन्होंने वक़्फ की जमीन मुस्लिम समाज को सौंपने की मांग की है. मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अजमल ने कहा कि सरकार को वक़्फ की सारी जमीन मुसलमानों को सौंप देनी चाहिए. अगर सरकार हमें जमीन दे देगी तो मुस्लिम समाज के लिए शिक्षा, हेल्थ और अनाथालय का इंतजाम हम खुद कर लेंगे। इसके लिए हमें सरकार का कोई अहसान नहीं चाहिए.
वक़्फ बिल को लेकर सरकार पर लगाया आरोप
अजमल ने आरोप लगाया कि सरकार वक़्फ की जमीन फाइव स्टार होटल बनाने के लिए अंबानी और अडानी जैसे उद्योगपतियों को दे रही है. उन्होंने कहा कि वक़्फ की जमीनें हमारे बाप, दादा और परदादाओं द्वारा हजारों सालों से दिए जा रही जमीन है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अगर वक्फ बोर्ड जिला कलेक्टर के हाथ दे देगी तो ये अधिकारी पक्षपात करेंगे और इंसाफ नहीं कर पायेंगे.
कौन हैं बजरुद्दीन अजमल?
मौलाना बदरुद्दीन अजमल एक आलिम और पूर्व सांसद हैं. वह ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) पार्टी के संस्थापक और अध्यक्ष हैं, जिसे उन्होंने 2005 में असम के मुस्लिम समुदाय के हितों की रक्षा के लिए स्थापित किया था. अजमल 2019 में असम की धुबरी लोकसभा सीट से सत्रहवीं लोकसभा के सांसद के रूप में चुने गए थे. हालांकि 2024 के चुनाव में वो चुनाव हार गए. अजमल का राजनीतिक करियर विवादों से भरा रहा है. उन पर असम में बांग्लादेशी घुसपैठियों का समर्थन करने का आरोप भी लगाया जाता रहा है.