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अमेरिकी हमले के बाद ईरान ने होर्मुज जलडमरूमध्य बंद करने की घोषणा की… भारत में तेल की कीमतों पर कितना पड़ेगा असर?

भारत प्रतिदिन 5.6 मिलियन बैरल कच्चा तेल आयात करता है. इसमें से करीब 1.5- 2 मिलियन बैरल तेल होर्मुज जलडमरूमध्य के रास्ते से आता है.

Iran- Israel War Update: ईरान और इजराल के बीच चल रही जंग में अमेरिका की एंट्री ने मिडिल ईस्ट में और तनाव बढ़ा दिया है. अमेरिका ने ईरान के कई परमाणु ठिकानों पर 21 और 22 जून की रात को हमला किया. अमेरिका के इस हमले से तनाव काफई बढ़ चुका है. ईरान ने पहले ही कहा था कि यदि कोई भई देश इजराइल का साथ देता है तो अंजाम बुरा होगा. अमेरिका के हमले के बाद ईरान ने बड़ा फैसला किया है. ईरानी संसद ने 22 जून को एक प्रस्ताव पारित कर होर्मुज जलडमरूमध्य (Strait of Hormuz) को बंद करने की घोषणा की. ईरान के इस फैसले का असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा.

बता दें कि होर्मुज जलडमरूमध्य दुनिया के सबसे प्रमुख तेल परिवहन मार्गों में से एक है और इसे बंद करने का फैसला वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति पर सीधा असर डाल सकता है.

सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई करेंगे अंतिम फैसला

हालांकि, होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने का फैसले के प्रस्ताव पर अंतिम फैसला ईरान की सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल और देश के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई द्वारा लिया जाएगा.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ईरानी संसद के राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग के सदस्य और रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर इस्माइल कोसारी (Commander Esmail Kowsari) ने कहा कि संसद इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद कर दिया जाना चाहिए, लेकिन अंतिम निर्णय सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के पास है.

अमेरिका के ‘ऑपरेशन मिडनाइट हैमर’ के बाद फैसला

उन्होंने कहा कि यह वोट अमेरिका द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन मिडनाइट हैमर’ के बाद हुआ.जिसके तहत अमेरिकी बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर हमला किया. कुल 125 सैन्य विमान इस हमले में शामिल थे और 25 मिनट में पूरा अभियान पूरा किया गया.

प्रस्ताव के बाद भारत ने दी प्रतिक्रिया

ईरानी संसद के होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने के प्रस्ताव पर कई देशों ने प्रतिक्रियाएं दी है. भारत के पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने कहा कि भारत ने पिछले कुछ वर्षों में कच्चे तेल के आयात को डायवर्सीफाई किया है.

भारत में इसका कितना पड़ेगा असर?

हरदीप सिंह पुरी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पर कहा कि भारतीय तेल कंपनियों के पास कई सप्ताह की तेल आपूर्ति है और भारतीय नागरिकों को तेल आपूर्ति की स्थिरता के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि भारत पहले 27 देशों से तेल मंगाता था, अब 40 देशों से आयात होता है. भारत प्रतिदिन 5.6 मिलियन बैरल कच्चा तेल आयात करता है. इसमें से करीब 1.5-2 मिलियन बैरल होर्मुज जलडमरूमध्य के रास्ते से आता है. पिछले कुछ वर्षों में पश्चिम एशिया में जबर्दस्त तनाव के बावजूद होर्मुज जलडमरूमध्य का रास्ता बंद नहीं किया गया.

भारत में ओएनजीसी ने 500 कुएं खोदे हैं जहां भारत के पास अभी 42 बिलियन बैरल का रिजर्व है. अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में उछाल भी आता है तो भी भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने की संभावना नहीं है.

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