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‘मुझे उम्मीद है, मेरी हिंदू पत्नी ईसाई धर्म अपनाएंगी…’ अमेरिका उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने किया दावा

जेडी वेंस ने कहा कि हां, सच कहूं तो मैं ऐसा चाहता हूं, क्योंकि मैं ईसाई धर्म की शिक्षाओं पर विश्वास करता हूं. मुझे उम्मीद है कि एक दिन मेरी पत्नी भी इसे उसी नजर से देखेंगी जैसे मैं देखता हूं.

JD Vance hope His Hindu wife Usha will convert to Christianity: अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने अपनी पत्नी के धर्म बदलने को लेकर बयान दिया, जो काफी चर्चा का विषय बन गया है. अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस (JD Vance) ने कहा कि उन्हें उम्मीद है उनकी पत्नी उषा, जो हिंदू हैं, एक दिन उनकी तरह ईसाई बन जाएंगी.

जेडी वेंस वेंस ने हालांकि ये भी कहा कि अगर वह ऐसा नहीं करतीं, तो भी उन्हें इससे कोई दिक्कत नहीं होगी, क्योंकि भगवान ने हर इंसान को अपनी मर्जी से चलने की आजादी दी है.

जेडी वेंस ने और क्या कहा?

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने अपने परिवार और आस्था पर खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि मैं अभी अपने करीब 10,000 दोस्तों के सामने यह कहता हूं. मैं यह उम्मीद करता हूं कि एक दिन मेरी पत्नी भी उसी तरह चर्च से प्रभावित हों, जैसे मैं हुआ था.

जेडी वेंस ने कहा कि हां, सच कहूं तो मैं ऐसा चाहता हूं, क्योंकि मैं ईसाई धर्म की शिक्षाओं पर विश्वास करता हूं. मुझे उम्मीद है कि एक दिन मेरी पत्नी भी इसे उसी नजर से देखेंगी जैसे मैं देखता हूं. लेकिन अगर वह ऐसा नहीं करतीं, तो भी कोई बात नहीं, क्योंकि भगवान ने हर इंसान को अपनी मर्जी से चलने की आजादी दी है, इसलिए मुझे इससे कोई परेशानी नहीं होगी.

अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने ये बातें मिसिसिपी (Mississippi) के ऑक्सफोर्ड में टर्निंग प्वाइंट पॉइंट आंदोलन की रैली के दौरान कही. जब उनसे भारतीय मूल की एक महिला ने उनसे उनके परिवार में अलग-अलग धर्मों से जुड़े रिश्तों के बारे में सवाल पूछा.

बता दें कि टर्निंग पॉइंट की स्थापना चार्ल्स किर्क ने की थी, जो एक रूढ़िवादी ईसाई कार्यकर्ता थे. चार्ल्स किर्क की पिछले महीने हत्या कर दी गई थी.

वेंस ने कहा कि धर्म में मतभेदों को समझना और संतुलन बनाना सिर्फ अलग-अलग धर्मों के लोगों की शादी में ही नहीं, बल्कि अलग- अलग ईसाई मतों के लोगों या नास्तिक और आस्तिक के बीच होने वाली शादियों में भी महत्वपूर्ण होता है.

‘बच्चे ईसाई तौर-तरीकों से बड़ा करेंगे’

उन्होंने आगे कहा कि हर किसी को अपने तरीके से इसका हल निकालना होता है. हमारे बीच जो समझ बनी है, वह यह है कि मेरी पत्नी मेरी सबसे अच्छी दोस्त हैं. हम इन बातों पर आपस में खुलकर बात करते हैं. इसलिए हमने तय किया कि अपने बच्चों को ईसाई तौर-तरीकों से बड़ा करेंगे.

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