Waqf Amendment Act: देशभर में वक़्फ़ कानून के विरोध के बीच केंद्र की मोदी सरकार एक और कदम उठाने जा रही है. केंद्र सरकार आने वाले 6 जून को वक़्फ़ संपत्तियों की देखभाल के लिए ‘Umeed’ पोर्टल लॉन्च करने जा रही है, जिसका मकसद देश भर में वक़्फ़ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन और बढ़ी हुई पारदर्शिता को सुनिश्चित करना है.
इस ‘Umeed’ पोर्टल का पूरा नाम यूनिफाइड वक़्फ़ मैनेजमेंट, एम्पावरमेंट, एफिशिएंसी और डेवलपमेंट है. यह एक सेंट्रल पोर्टल होगा, जिस पर देशभर की वक़्फ़ संपत्तियों को रजिस्टर किया जाएगा.
छह महीने के भीतर सभी वक़्फ़ संपत्तियों को रजिस्टर कराना अनिवार्य
सूत्रों और मीडिया के रिपोर्टों के मुताबिक, ‘Umeed’ पोर्टल लॉन्च होने के छह महीने के भीतर सभी वक़्फ़ संपत्तियों को रजिस्टर करना अनिवार्य होगा. इस पर संपत्तियों का पूरा विवरण जैसे- लंबाई, चौड़ाई और जियो टैग की गई लोकेशन आदि देनी होगी. अगर किसी संपत्ति का नाम किसी महिला के नाम पर दर्ज है, तो उसे वक़्फ़ संपत्ति घोषित नहीं किया जा सकेगा.
एक से दो महीने की सशर्त मोहलत
यदि किसी कराणवश या फिर तकनीकी कराणों से संपत्ति का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाता है तो तो एक से दो महीने की अतिरिक्त मोहलत दी जा सकती है. लेकिन अगर दिए गए समय पर भी संपत्ति रजिस्टर्ड नहीं होती, तो उसे विवादित मानते हुए वक़्फ़ ट्रिब्यूनल के पास भेजा जाएगा.
महिलाओं के लिए यह नियम
इसके अलावा महिलाओं के नाम दर्ज संपत्तियों को वक़्फ़ घोषित नहीं किया जा सकेगा. सरकार का कहना है कि वक़्फ़ संपत्तियों की लाभार्थी महिलाएं, बच्चे और गरीब वर्ग होंगे.
22 मई को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
बता दें कि बीते 22 मई को सुप्रीम कोर्ट में वक़्फ़ (संशोधन) अधिनियम 2025 की वैधता को चुनौती देनी वाली याचिकाओं पर सुनवाई हुई थी, जहां सुप्रीम कोर्ट ने फैसले को सुरक्षित रखा था. इस दौरान याचिकाकर्ताओं ने कानून को मुसलमानों के अधिकारों के खिलाफ बताया और अंतरिम रोक लगाने की मांग की. वहीं, केंद्र सरकार ने कानून के पक्ष में दलीलें रखीं.