Anti CAA Protest: दिल्ली कोर्ट ने शरजील इमाम के खिलाफ तय किए राजद्रोह के आरोप

भड़काऊ भाषण मामले में ऐक्टिविस्‍ट शरजील इमाम (Sharjeel Imam) के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा चलेगा. कड़कड़डूमा कोर्ट (karkardooma court) ने शरजील इमाम के खिलाफ राजद्रोह का आरोप तय कर दिया है. एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने ये आदेश दिया है. कोर्ट ने राजद्रोह का आरोप तय करने का आदेश शरजील इमाम की ओर से दिल्ली की जामिया मिल्लिया इस्लामिया और यूपी की अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में दिए गए भाषण के मामले में दिया है.

ईटीवी भारत की ख़बर के अनुसार, 24 नवंबर 2020 को कोर्ट ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान के खिलाफ 22 नवंबर 2020 को पूरक चार्जशीट दाखिल की थी. पूरक चार्जशीट में स्पेशल सेल ने यूएपीए की धारा 13, 16, 17 और 18 के अलावा भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं, आर्म्स एक्ट की धारा 25 और 27 और प्रिवेंशन आफ डेमेज टू पब्लिक प्रापर्टी एक्ट की धारा 3 और 4 के तहत आरोप लगाए गए हैं.

चार्जशीट में कहा गया है कि शरजील इमाम ने केंद्र सरकार के खिलाफ घृणा फैलाने और हिंसा भड़काने के लिए भाषण दिया जिसकी वजह से दिसंबर 2019 में हिंसा हुई. दिल्ली पुलिस ने कहा है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA)
के विरोध की आड़ में गहरी साजिश रची गई थी. इस कानून के खिलाफ मुस्लिम बहुल इलाकों में प्रचार किया गया. यह प्रचार किया गया कि मुस्लिमों की नागरिकता चली जाएगी और उन्हें डिटेंशन कैंप में रखा जाएगा. बता दें कि शरजील को बिहार से गिरफ्तार किया गया था.

दिल्‍ली दंगों के ‘मास्‍टरमाइंंड’ होने का भी आरोप

नव भारत टाइम्स के अनुसार, जामिया मिल्लिया इस्लामिया में 13-14 दिसंबर, 2019 को हुई हिंसा को लेकर जामिया नगर पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गई थी. पुलिस ने 25 जुलाई, 2020 को मामले में चार्जशीट दायर की थी. चार्जशीट में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 13 भी जोड़ी गई थी. इस मामले के अलावा, इमाम पर फरवरी 2020 के दंगों का मास्टरमाइंड होने का भी आरोप है, जिसमें 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हो गए थे.

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