पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस्लामाबाद स्थित पश्चिमी देशों के उन 22 राजदूतों पर रविवार को निशाना साधा, जिन्होंने पिछले हफ्ते पाकिस्तान से यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा करने का आग्रह किया था. समाचार एजेंसी Reuters के मुताबिक, पाक पीएम रविवार को पश्चिमी देशों के राजनयिकों के उस आग्रह पर भड़क गए और उनसे पूछ डाला कि क्या पाकिस्तान आपका ‘गुलाम’ है?
बता दें कि यूरोपीय यूनियन के सदस्य देशों समेत 22 राजनयिक मिशनों के प्रमुखों ने 1 मार्च को एक संयुक्त पत्र जारी कर पाकिस्तान से यूक्रेन के खिलाफ रूसी हमले की निंदा करने वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक प्रस्ताव का समर्थन करने का आग्रह किया था. इस पत्र को राजनयिकों ने सार्वजनिक तौर पर जारी किया था. अमूमन ऐसे मामले कम ही देखने को मिलते हैं.
इससे नाराज इमरान खान ने एक राजनीतिक रैली के दौरान कहा कि हम पश्चिमी देशों के गुलाम नहीं हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं यूरोपीय संघ के राजदूतों से पूछना चाहता हूं. क्या आपने भारत को ऐसा पत्र लिखा था?’
कश्मीर का जिक्र करते हुए उन्होंने आगे कहा, ‘जब कश्मीर में हिंदुस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय कानून तोड़ा… संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के नियमों के विरुद्ध जाकर जो कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म किया, क्या आप में से किसी ने हिंदुस्तान से कोई रिश्ता तोड़ा? उस पर कोई प्रतिबंध लगाया? तो हम आपके सामने क्या हैं? हम कोई गुलाम हैं कि जो आप कहेंगे हम कर लें?’
इस मामले में जब संयुक्त राष्ट्र महासभा में वोटिंग हुई, तब पश्चिमी देशों के एक पारंपरिक सहयोगी रहे पाकिस्तान ने मतदान में हिस्सा लेने से परहेज किया. महासभा में अधिकांश देशों ने रूस के कदम की आलोचना करते हुए यूक्रेन पर उसके हमलों को गलत ठहराया था.
इमरान खान ने अपने संबोधन में पश्चिमी देशों के राजनयिकों से यह भी पूछा कि क्या आपने भारत को भी इसी तरह का खत लिखा था? जबकि भारत ने भी UNSC और UNGA में इस मामले में हुई वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. इमरान खान ने कहा कि यूक्रेन की वजह से पाकिस्तान को नुकसान पहुंचा है क्योंकि उसने अफगानिस्तान में नाटो गठबंधन का समर्थन किया था. खान ने कहा कि पाकिस्तान किसी गुट में शामिल नहीं है.
रैली के दौरान भी इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान चाहता है कि जल्द से जल्द तनाव खत्म हो. उन्होंने कहा, ‘हम रूस के दोस्त हैं और हम अमेरिका के भी दोस्त हैं. हम चीन और यूरोप के भी दोस्त हैं… हम किसी भी खेमे में नहीं हैं.’
(एनडीटीवी से इनपुट के साथ)