Asaduddin Owaisi On Bengali Muslims Detention: देश के विभिन्न हिस्सों में बंगाली भाषी मुस्लिमों को निशाना बनाकर गिरफ्तार किया जा रहा है. इस मामले पर AIMIM चीफ और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. ओवैसी ने कहा कि पुलिस बंगाली भाषी मुस्लिम नागरिकों को अवैध रूप से हिरासत में ले रही है और उन पर बांग्लादेशी होने का आरोप लगा रही है.
‘पुलिस अवैध रूप से हिरासत में ले रही है’
असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट करते हुए लिखा कि भारत के विभिन्न हिस्सों में पुलिस बंगाली भाषी मुस्लिम नागरिकों को अवैध रूप से हिरासत में ले रही है और उन पर बांग्लादेशी होने का आरोप लगा रही है.
उन्होंने आगे कहा कि भारतीय नागरिकों को बंदूक की नोक पर बांग्लादेश में धकेले जाने की परेशान करने वाली खबरें आई हैं. ओवैसी ने कहा कि यह सरकार कमजोरों के साथ सख्ती और मजबूती से पेश आती है.
इन लोगों पर पुलिस कर रही है अत्याचार
AIMIM सांसद ने कहा कि जिन लोगों पर अवैध प्रवासी होने का आरोप लगाया जाता है, उनमें से ज्यादातर झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले और कूड़ा बीनने वाले गरीब लोग होते हैं. इन्हें बार- बार इसलिए निशाना बनाया जाता है क्योंकि वे पुलिस के अत्याचारों का विरोध करने की स्थिति में नहीं हैं.
Police in different parts of India have been illegally detaining Bengali-speaking Muslim citizens and accusing them of being Bangladeshi. There have been disturbing reports of Indian citizens being pushed into Bangladesh at gunpoint. This government acts strong with the weak, and… https://t.co/wtQEKiDAaL pic.twitter.com/9BRSWsf31k
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) July 26, 2025
ओवैसी ने आगे कहा कि पुलिस के पास किसी व्यक्ति को सिर्फ इसलिए हिरासत में लेने का अधिकार नहीं है क्योंकि वह कोई खास भाषा बोलता है. ये व्यापक रुप से की जा रही हिरासत अवैध है.
HRW रिपोर्ट ने भी किया दावा
बता दें कि बीते दिनों ह्यूमन राइट्स वॉच ने एक रिपोर्ट जारी करते हुए दावा किया कि भारतीय अधिकारियों ने हाल के हफ्तों में सैकड़ों बंगाली मुसलमानों को बिना किसी उचित प्रक्रिया के बांग्लादेश भेज दिया और दावा किया कि वे “अवैध प्रवासी” हैं. जबकि इनमें से कई बांग्लादेश की सीमा से लगे राज्यों के भारतीय नागरिक हैं.
1,500 से ज्यादा मुसलमानों को भेजा गया बांग्लादेश
HRW ने अपनी रिपोर्ट में आगे कहा कि भारत सरकार ने निष्कासित लोगों की संख्या पर कोई आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं कराया है. हालांकि बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड्स ने बताया है कि भारत ने 7 मई से 15 जून के बीच 1,500 से ज्यादा मुस्लिम पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को बांग्लादेश भेजा है. इनमें म्यांमार से आए लगभग 100 रोहिंग्या शरणार्थी भी शामिल हैं.

