बहराइच एनकाउंटर पर भड़के असदुद्दीन ओवैसी, कहा- ‘योगी की ठोक देंगे पॉलिसी को सब जानते हैं’

बहराइच: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि बहराइच हिंसा के आरोपियों के एनकाउंटर का असली सच जानना कठिन नहीं है. उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर पुलिस के पास पर्याप्त सबूत होते, तो आरोपियों को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ता.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बहराइच हिंसा के आरोपियों का पुलिस से ‘एनकाउंटर’ का सच जानना मुश्किल नहीं है. योगी की ‘ठोक देंगे’ नीति के बारे में सब जानते हैं. अगर पुलिस के पास इतना सबूत होता तो आरोपियों को क़ानूनी सज़ा दिलाने की कोशिश होती.

‘ठोक दो’ नीति अराजकता को दे रही है बढ़ावा
ओवैसी ने चेतावनी दी कि उत्तर प्रदेश की ‘ठोक दो’ नीति केवल कानून का उल्लंघन नहीं है, बल्कि यह समाज में अराजकता को बढ़ावा दे रही है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसे ही चलता रहा, तो कोई भी किसी को उठाकर गोली मारने का साहस कर सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर वीडियो जारी न होता, जिसमें पीड़ित परिवार की बहन अपनी शिकायत रखती, तो पुलिस की कार्रवाई का सच कभी सामने नहीं आता.

एनकाउंटर करने वालों को ओलंपिक में भेजा जाना चाहिए
ओवैसी ने उदाहरण देते हुए कहा कि जिस पर गोलियां चलाई जा रही हैं, उसे सवाल नहीं पूछा जाता जबकि जो घायल होता है वह अपनी गलती मानता है. यह स्थिति मानो किसी फिल्म का दृश्य लगती है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि इस तरह के एनकाउंटर करने वालों को ओलंपिक में भेजा जाना चाहिए, ताकि वे भारत के लिए स्वर्ण पदक ला सकें. ओवैसी ने बहराइच हिंसा की घटनाओं का जिक्र करते हुए सवाल किया कि कितनों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि राम गोपाल की हत्या एक तथ्य है. उन्होंने बहराइच में हुई हिंसा के आरोपियों, सरफराज और तालिब के पैर में गोली लगने का भी उल्लेख किया.

यह एनकाउंटर बहराइच जिले की पुलिस ने की. दोनों आरोपी अब्दुल हामिद के बेटे हैं, जिन्हें पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. पुलिस के मुताबिक, एक को दाहिने पैर में गोली लगी है, जबकि दूसरे को बाएं पैर में. ऐसा कहा जा रहा है कि सरफराज अपराध को अंजाम देने के बाद नेपाल भागने की फिराक में था.

मीडिया से बात करते हुए बहराइच की एसपी वृंदा शुक्ला ने मुठभेड़ की पुष्टि करते हुए कहा कि इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने कहा, “उनमें से दो लोग पुलिस की गोलीबारी में घायल हो गए हैं. मैं उनकी स्थिति का आकलन करने आई हूं. घायलों में से एक मोहम्मद सरफराज है, जबकि दूसरा मोहम्मद तालिब है.”

कब हुई थी बहराइच की घटना?

इससे पहले बीते रविवार को बहराइच में मूर्ती विसर्जन जुलूस के दौरान सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी, जिसके परिणामस्वरूप 22 साल के एक युवक की मौत हो गई थी, जिसे झड़प के दौरान गोली लग गई. मृतक की पहचान राम गोपाल मिश्रा के रूप में हुई. इसके अलावा पथराव और गोलीबारी में छह अन्य लोग भी घायल हो गए.

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