अयोध्या: उत्तर प्रदेश के जिला अयोध्या में सामूहिक बलात्कार मामले में आरोपी सपा नेता मोईद अहमद ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में दूसरी जमानत याचिका दाखिल की है. उसकी याचिका गुरुवार को जस्टिस पंकज भाटिया की सिंगल बेंच के सामने सुनवाई के लिए लिस्टेड हुई है. हालांकि, जस्टिस पंकज भाटिया ने इस मामले की सुनवाई से खुद को अलग करते हुए मामले को चीफ जस्टिस से आदेश मिलने से पहले नियमित बेंच के सामने अगले सप्ताह लिस्टेड करने का आदेश दिया है.
ज़ी सलाम की रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले 3 अक्टूबर को उनकी पिछली जमानत याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी. कोर्ट ने तब कहा था कि आरोपी सियासी तौर पर काफी ताकतवर है और उसके और पीड़िता और उसके परिवार के बीच बड़ा सामाजिक और आर्थिक फर्क है. अदालत ने कहा था कि इसके साथ ही वह पीड़िता एवं उसके परिवार पर सुलह के लिए दबाव भी डाला था, लिहाजा आरोपी के बाहर आने पर सुनवाई के प्रभावित होने का ज्यादा खतरा है.
अदालत ने आरोपी को पीड़िता की गवाही हो जाने के बाद नए सिरे से जमानत याचिका दाखिल करने की छूट दी थी. कोर्ट ने निचली अदालत को भी आदेश दिया था कि मामले की हर दिन सुनवाई कर पीड़िता की गवाही पूरी कर ली जाए. अब नई जमानत याचिका में कहा गया है कि दोनों की गवाही हो चुकी है, इस बुनियाद पर अब आरोपी को जमानत पर रिहा किया जाए.
12 साल की बच्ची से सामूहिक बलात्कार मामले में सपा नेता मोईद अहमद की डीएनए टेस्ट (DNA Test) मैच नहीं हुई है. हालांकि, उनके नौकर राजू की डीएनए टेस्ट रिपोर्ट पीड़िता से मैच हो गई है. जिसका रिपोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच सील बंद लिफाफे में पेश की गई थी.
अयोध्या की एक 12 साल की नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना हुई थी. इस घटना ने उत्तर प्रदेश और वहां की सियासत में खलबली मचा दी थी. आरोपियों ने बच्ची का अश्लील वीडियो बनाकर फिर लंबे समय तक उसे ब्लैकमेल करके घिनौनी हरकत करते रहे. लेकिन, इस मामले का खुलासा 29 जुलाई को पीड़ित बच्ची के 2 महीने की गर्भवती होने पर हुआ. मां ने मोईद अहमद और उनके नौकर राजू पर सपा नेता के बेकरी में बच्ची के साथ बलात्कार की वारदात को अंजाम देने का आरोप लगाया और थाने में इनके खिलाफ आवेदन दी.